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यूक्रेन ने जताया 16 फरवरी को हमले का डर,सीमा पर 1 लाख से ज्यादा रूसी सैनिक तैनात

अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन पर कभी भी रूस की तरफ से आक्रमण हो सकता है.

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सोमवार, 14 जनवरी को फ्रांस (France) के विदेश मंत्री जीन-यवेस ने कहा कि मॉस्को द्वारा अपनी सीमाओं पर हजारों सैनिकों को इकट्ठा करने बाद रूस (Russia), यूक्रेन पर बड़ा आक्रमण करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि 16 फरवरी के दिन रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किया जाएगा. इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन पर कभी भी रूस की तरफ से आक्रमण हो सकता है.

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रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने सोमवार को रूस और बेलारूस में मास्को के कुछ बड़े सैन्य अभ्यासों को खत्म करने का ऐलान किया.

इससे पहले, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पुतिन से कहा था कि पश्चिम के साथ सुरक्षा पर एक समझौते पर पहुंचने का एक मौका है, जो कि उग्र तनाव के बीच हल निकालने का एक रास्ता है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने अपनी सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर रूस और एक प्रमुख यूरोपीय सुरक्षा समूह के अन्य सदस्यों के साथ बैठक बुलाई है. विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि रूस ने सैनिकों के निर्माण की व्याख्या करने के औपचारिक अनुरोधों की अनदेखी की है.

दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि अगला कदम रूस की योजनाओं के बारे में पारदर्शिता लाने के लिए अगले 48 घंटों के अंदर एक मीटिंग बुलाना था.

तीन तरफ से घिरा यूक्रेन

रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने यूक्रेन को तीन तरफ (पूर्वी यूक्रेन, बेलारूस और क्रीमिया) से घेर लिया है. यूक्रेन के बॉर्डर पर 1 लाख तीस हजार सैनिकों को तैनात किया गया है, जिसमें 1.12 लाख जवान सेना और 18 हजार जवान नौसेना व एयरफोर्स के हैं. इसके अलावा मॉस्को ने टैंक और भारी हथियारों के साथ मिसाइलें भी तैयार रखी हैं.

पिछले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि यूक्रेन की सीमा पर 1 लाख रूस के सैनिकों को तैनात किया गया है

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यूक्रेन-रूस संकट की बदलती तस्वीर

सोमवार, 14 फरवरी को यूक्रेन संकट पर तस्वीर बदलती नजर आ रही है क्योंकि रूस के बड़े राजनयिकों ने गतिरोध को हल करने के लिए और अधिक बातचीत करने पर जोर दिया है. इसके अलावा यूक्रेन के अधिकारियों ने भी युद्ध विराम के संकेत दिए हैं.

क्रेमलिन ने अपने मजबूत संकेत दिए फिर भी वह तत्काल सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बजाय यूक्रेन के साथ और बातचीत की मांग करेगा.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि देश के संविधान में लिखे गए गठबंधन में शामिल होने के लक्ष्य के साथ नाटो की सदस्यता हमारी सुरक्षा के लिए थी. लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि देश ने खुद को जिस मुश्किल जगह में पाया है, वह लगभग पूरी तरह से रूसी सेनाओं से घिरा हुआ है और अमेरिका जैसे देशों ने जोर देकर कहा कि वे रूसी आक्रमण को पीछे हटाने के लिए यूक्रेन में सेना नहीं भेजेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ बात की, जो युद्ध को टालने के लिए कोशिश कर रहे हैं.

यूक्रेन के सीमाओं पर करीब 1 लाख सैनिकों के होने के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की किसी भी योजना से इनकार किया है.

पिछले दिनों अमेरिका ने कहा कि मास्को किसी भी समय हवाई बमबारी शुरू कर सकता है. इसके बाद कई देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है.

लंदन में यूक्रेन के राजदूत, वादिम प्रिस्टाइको ने कहा था कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा पर लचीला होने के लिए तैयार था, जो रूस के लिए एक बड़ी रियायत होती.

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