जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है. इसे भारत की बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत बताया जा रहा है. ऐसा तब मुमकिन हो पाया, जब सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में मसूद अजहर को 'ब्लैक लिस्ट' में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन ने अपनी रोक हटाने का फैसला किया.
आइए जानते हैं कि इस फैसले से मसूद अजहर पर क्या असर पड़ने वाला है.
मसूद अजहर पर होगी ये कार्रवाई
- संपत्ति जब्त: मसूद अजहर के वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश उसकी संपत्तियों को जब्त करेंगे. ऐसे में अजहर से जुड़े सभी आतंकी कैंप, मकान, जमीन-जायदाद फ्रीज हो जाएंगे. इसके अलावा मसूद अजहर से जुड़े लोगों और उसकी संस्थाओं को कोई आर्थिक मदद भी नहीं दी जा सकेगी.
- ट्रैवल बैन: अब मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र के किसी भी सदस्य देश में यात्रा नहीं कर सकेगा.
- हथियारों के कारोबार या ट्रेनिंग पर रोक: संयुक्त राष्ट्र से जुड़े देश अब मसूद अजहर या उससे जुड़े संगठनों को हथियार भी मुहैया नहीं करा पाएंगे
सुरक्षा परिषद इन सभी प्रतिबंधों पर निगरानी रखता है और हर साल इसकी रिपोर्ट भी तैयार करता है.
2009 में भारत ने UN में पहली बार रखा था प्रस्ताव
अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की ये पिछले 10 साल में चौथी कोशिश थी. सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा था. फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 कमेटी काउंसिल के सामने दूसरी बार प्रस्ताव रखा. इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार ये प्रस्ताव रखा. इन सभी मौकों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोक दिया था.
चीन कई बार लगा चुका है अड़ंगा
इससे पहले चीन ने मंगलवार को कहा था कि UN अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का ये विवादित मुद्दा ‘अच्छी तरह सुलझ’ जाएगा. बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश सरगना अजहर पर प्रतिबंध लगाने के ताजा प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में वीटो लगा दिया था.
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