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अफगानिस्तान: तालिबान महिलाओं और पत्रकारों को बना रहा निशाना, UN ने जताया ऐतराज

काबुल की सड़कों पर नई सरकार का विरोध करने वाली महिलाओं और कवर करते पत्रकारों पर तालिबान ने जम कर हमला किया है

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संयुक्त राष्ट्र (UN) ने एक बयान जारी करते हुए पत्रकारों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को तालिबान (Taliban) द्वारा निशाना बनाये जाने की निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान से बल प्रयोग नहीं करने और प्रदर्शनकारियों तथा विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को मनमाने ढंग से हिरासत में ना लेने का आह्वान किया.

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संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा कि,

"हम तालिबान से आह्वान करते हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से जमा होने के अपने अधिकार का प्रयोग करने वालों और विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ बल प्रयोग और उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में लेना तुरंत बंद कर दें"

महिला प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों को बना रहे निशाना

गौरतलब है कि अफगानिस्तान की सत्ता में 20 साल बाद वापसी करने के बाद तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह आश्वासन दिया था कि अफगानिस्तान में महिलाओं को इस्लामी कानून के अंदर सभी तरह के अधिकार और स्वतंत्रता दी जाएगी.

लेकिन तालिबान ने इस सप्ताह मामलों को अपने हाथों में ले लिया और काबुल की सड़कों पर नई सरकार का विरोध करने वाली महिलाओं पर जमकर हमला किया.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार 7 सितंबर को हेरात प्रांत में तालिबान ने दो प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी थी. इसके अलावा तालिबान पत्रकारों को भी निशाना बना रहा है.

तालिबानी लड़ाकों द्वारा पीटे जाने के बाद घायल हुए पत्रकारों की परेशान करने वाली तस्वीरें 9 अगस्त को सामने आईं. अफगान मीडिया हाउस एतिलाट्रोज के दो पत्रकारों, तकी दरियाबी और नेमातुल्लाह नकदी को तालिबान ने बुरी तरह पीटा था. उन्हें पश्चिमी काबुल के कार्त-ए-चार इलाके में महिलाओं के विरोध-प्रदर्शन को कवर करने के लिए तालिबान ने निशाने पर लिया था .

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