अफगानिस्तान (Afghanistan) में अमेरिकियों को इस्लामिक स्टेट (Islamic State) आतंकवादी समूह से जुड़े खतरों के कारण काबुल हवाईअड्डे (Kabul Airport) से दूर रहने की चेतावनी दी जा रही है. काबुल में अमेरिकी दूतावास ने 26 अगस्त की सुबह एक अलर्ट भेजा, जिसमें अमेरिकी नागरिकों को 'गेट्स के बाहर सुरक्षा खतरों के कारण' हवाई अड्डे की यात्रा नहीं करने के लिए कहा गया.
वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि चेतावनी आईएस और संभावित वाहन बमों से जुड़े विशिष्ट खतरों से संबंधित थी.
बयान में कहा गया है, "काबुल हवाई अड्डे के गेट के बाहर सुरक्षा खतरों के कारण, हम अमेरिकी नागरिकों को हवाईअड्डे की यात्रा से बचने और इस समय हवाईअड्डे के फाटकों से बचने की सलाह दे रहे हैं, जब तक कि ऐसा करने के लिए अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि से व्यक्तिगत निर्देश नहीं मिलते."
बयान के अनुसार, "अमेरिकी नागरिक जो एबी गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर हैं, उन्हें अब वो क्षेत्र तुरंत छोड़ देना चाहिए."
एक अमेरिकी अधिकारी ने 25 अगस्त को सीएनएन को बताया कि वाशिंगटन को आईएसआईएस द्वारा अफगानों की भीड़ के खिलाफ कई संभावित हमलों से संबंधित खुफिया जानकारी मिली है.
सहयोगी देशों ने भी चेतावनी जारी की
ऑस्ट्रेलिया के विदेश विभाग ने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट की यात्रा न करने को कहा है. ऑस्ट्रेलिया ने एक 'जारी और आतंकी हमले के बहुत बड़े खतरे' को वजह बताया है.
ब्रिटेन के विदेश विभाग ने भी ऐसे ही 'बड़े आतंकी हमले के खतरे' को लेकर चेतावनी दी है. विभाग ने कहा, "अगर आप किसी और तरह से सुरक्षित अफगानिस्तान छोड़ सकते हैं तो तुरंत ऐसा कीजिए."
काबुल में कितने अमेरिकी बाकी?
अमेरिका के विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने 25 अगस्त को बताया कि अब अफगानिस्तान में करीब 1500 अमेरिकी नागरिक बाकी रह गए हैं और इनमें से एक-तिहाई अमेरिकी सरकार के संपर्क में हैं.
ब्लिंकन का कहना है कि कुछ 1000 लोग शायद अफगानिस्तान छोड़कर न आना चाहें. अमेरिका 31 अगस्त तक अपनी निकासी पूरा करना चाहता है क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे डेडलाइन घोषित किया है. तालिबान भी 31 अगस्त को 'रेड लाइन' कह चुका है.
एंटनी ब्लिंकन ने बताया है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे से एक दिन पहले (14 अगस्त) से अब तक लगभग 4500 अमेरिकी नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाल लिया गया है. 25 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट के अंदर अनुमानित 10,000 मौजूद थे.
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