अमेरिकी रक्षा विभाग (U.S. Defense Department), पेंटागन भारत (India) के साथ हिमालयी रेंज की सीमा पर चीन (China) के बढ़े सैन्य तैनाती और क्षमता निर्माण को लेकर चिंतित है. लेकिन साथ ही अमेरिकी अधिकारी और एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर आशावादी भी हैं कि भारत चीनी सेना के आगे मजबूती से डटा रहेगा. यह रिपोर्ट “फॉरेन पॉलिसी” ने अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से प्रकाशित की है.
रिपोर्ट के अनुसार नाम न छापने की शर्त पर इस वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा कि हिमालय से लगे भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना का बिल्डअप भारत-प्रशांत क्षेत्र में दूसरी जगहों पर देखी गई चीनी क्षेत्रीय आक्रामकता के पैटर्न पर फिट बैठता है, जैसे कि फिलीपींस में.
नवंबर में फिलीपींस में चीनी तट रक्षक जहाजों को आगे बढ़ाया गया था ताकि फिलीपीन आपूर्ति नौकाओं को ब्लॉक किया जा सके.
एक्सपर्ट्स को भरोसा, चीनी सेना की आक्रामकता के खिलाफ भारत डटा रहेगा- रिपोर्ट
चिंताओं के बावजूद रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञ और अमेरिकी अधिकारी इस बात को लेकर आशावादी है कि भारत पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) के खिलाफ मजबूती से डटे रहने में सक्षम होगा. “विशेषज्ञों ने कहा कि नई दिल्ली ने अन्य क्षेत्रीय घुसपैठों, जैसे कि दक्षिण चीन सागर में चीन के विरोधियों की तुलना में अधिक कूटनीतिक और सैन्य प्रतिरोध किया है”.
“फॉरेन पॉलिसी” की इस रिपोर्ट में हेरिटेज फाउंडेशन के एशियन स्टडीज सेंटर के रिसर्च फेलो जेफ स्मिथ ने कहा है कि,
"यकीनन भारत में उन्होंने (चीनी सेना) सबसे अधिक प्रतिरोध का सामना किया है. भारतीयों को डराया-धमकाया नहीं जा सकता.”
रिपोर्ट की माने तो यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी विदेश विभाग या पेंटागन भारत को अधिक हथियार या उपकरण भेजने पर विचार कर रहा है, लेकिन वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन नई दिल्ली के साथ "सभी स्तरों पर बातचीत" कर रहा है.
“ नाम न छापने की शर्त पर भारतीय अधिकारी ने फॉरेन पॉलिसी को बताया कि अमेरिका भारत के साथ चीनी सेना के मूवमेंट्स की डिटेल शेयर करने के लिए बहुत अधिक एक्टिव हो गया है.”“फॉरेन पॉलिसी” की रिपोर्ट
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)