अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों में एक के बाद एक नए अपडेट सामने आ रहे हैं. अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के खिलाफ आपराधिक जांच पर एक स्पेशल ज्यूरी सुनवाई करेगी. ये ज्यूरी हफ्ते में तीन दिन बैठेगी.
इस नए कदम का मतलब क्या है?
अभी पिछले ही हफ्ते न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल ने ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के खिलाफ आपराधिक जांच की बात कही थी, उन्होंने कहा था कि ये मामला अब सिविल नहीं रह गया है. इसके बाद से ग्रैंड ज्यूरी के जरिए सुनवाई के नए कदम से ये संकेत मिल रहे हैं कि दो साल की जांच के बाद अब मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी का ऑफिस आरोप तय करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. ट्रंप और उनके ऑर्गेनाइजेशन के खिलाफ आपराधिक जांच में तेजी आ रही है.
क्यों हो रही है ये जांच?
डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिकी राष्ट्रपति थे तो उन्हें कानूनी मामलों से छूट और सुरक्षा मिली हुई थी लेकिन अब वो आम नागरिक हैं और उनके खिलाफ मुकदमों की एक पूरी लिस्ट है. कई डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में उनके खिलाफ केस चल रहे हैं. ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ा मामले ट्रंप की और से दी गई कीमत, संपत्ति के वैलुएशन, कर्मचारियों को मुआवजे में हेरफेर और दूसरी धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है.
- न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल के ऑफिस ने 2019 में ट्रम्प आर्गेनाइजेशन में एक सिविल जांच शुरू की कि क्या संबंधित संपत्तियों का वैलुएशन, कर्जऔर बीमा कवरेज हासिल करने के लिए बढ़ाया गया था या टैक्स पेमेंट को कम करने के लिए ऐसा किया गया था.
- मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी का कार्यालय 2016 के राष्ट्रपति अभियान में धोखाधड़ी और कर चोरी के संबंध में 2018 से आपराधिक जांच कर रहा है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अटॉर्नी कई बार अपनी जांच में न्यूज रिपोर्ट का हवाला दे चुकी हैं जिनमें कंपनी द्वारा बैंक, इंश्योरेंस फ्रॉड के बारे में लिखा गया था.
ट्रंप की तरफ से क्या कहा गया है?
ट्रंप ने किसी भी तरह के फ्रॉड से इनकार किया है. न्यूयॉर्क और मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को डेमोक्रेट्स बताते हुए वो कहते हैं कि ये राजनीतिक कदम है. एक ईमेल के जरिए दिए गए बयान में ट्रंप का कहना है कि 'ये अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा पॉलिटिकल विचहंट है. एक तरह न्यू यॉर्क सिटी और स्टेट सबसे ज्यादा क्राइम रेट से जूझ रहा है लेकिन मर्डर, ड्रग डीलर्स और ह्यूमन ट्रैफिकर्स से निपटने की बजाए ये डोनाल्ड ट्रंप के पीछे पड़े हुए हैं.'
बता दें कि ऐसा कहा जा रहा है कि इस जांच के नतीजे ट्रंप के राजनीतिक करियर को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं.
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