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बाइडेन की रिकॉर्डतोड़ जीत:कोरोना के बावजूद 120 साल बाद इतनी वोटिंग

बाइ़डेन को अमेरिका के इतिहास में सबसे ज्यादा वोट मिले हैं

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इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव न केवल अमेरिका के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि दुनिया भर में इसकी चर्चा हुई. बाइडेन की जीत वाकई में बहुत बड़ी है.

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सबसे ज्यादा वोट पाने वाले US प्रेसीडेंट बने बाइडेन

इस बार के चुनाव में बाइडेन को अभी तक 7,48,47,834 यानी 50.6% वोट मिले हैं. अमेरिका के इतिहास में अब तक किसी प्रेसीडेंट को इतने मत नहीं मिले हैं. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. 2008 के अमेरिकी चुनाव में ओबामा को 69,498,516 वोट मिले थे.

• डोनाल्ड ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो पूर्व उप-राष्ट्रपति से चुनाव हार गए.

• 78 वर्षीय बाइडेन अमेरिकी चुनाव इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं.

• बाइडेन डेलावेयर से चुने जाने वाले पहले राष्ट्रपति हैं. इसके साथ ही सीनेट में सबसे लंबा कॅरियर (1973 से 2009 तक ) बिताने वाले बाइडेन डेलावेयर के पहले सदस्य हैं.

• बाइडन पहले भी दो बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो चुके है. पहली बार 1988 में और दूसरी बार 2008 में.

• 28 बाद ये दूसरा मौका रहा जब अमेरिका में किसी प्रेसीडेंट को दूसरा कार्यकाल नहीं मिला.

• बाइडेन ने 32 साल पुराना इतिहास दोहराया है. 1988 में राष्ट्रपति बनने से पहले बुश सीनियर अपने पूर्ववर्ती प्रेसीडेंट रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में 08 साल वाइस प्रेसीडेंट थे. बाइडेन भी बराक ओबामा के कार्यकाल में आठ साल उप राष्ट्रपति रहे हैं.

• बराक ओबामा ने बाइडेन को ‘ब्रदर वाइस प्रेसिडेंट’ की उपाधि दी थी.

120 साल बाद इतनी वोटिंग

इस बार के अमेरिकी चुनाव में कुल मतदाताओं में से 66.9 प्रतिशत वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, यह 120 साल में रिकॉर्ड मतदान है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सन् 1900 के बाद पहली बार इतनी अधिक संख्या में मतदान देखने को मिला है. आमतौर पर अमेरिकी चुनाव में 50 से 60 फीसदी वोटिंग होती है. लेकिन इस बार 66.9% वोटिंग देखने को मिली है. अब तक सबसे ज्यादा वोटिंग 1900 के चुनाव में दिखी थी तब 73.7% वोटिंग हुई थी.

महामारी के दौरान बंपर वोटिंग

यह पहली बार है कि इतनी भयंकर महामारी के बीच अमेरिका में इतनी जोरदार वोटिंग हुई हैं. इससे पहले 1918 में मिडटर्म इलेक्शन हुई थे. तब स्पैनिश फ्लू फैला हुआ था, जिसकी वजह से मतदान में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. लेकिन इस बार ऐसा पहली बार हुआ है कि जब महामारी देशभर में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है और रिकॉर्ड वोटिंग हुई हो.

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पहली बार अर्ली वोटिंग

वैश्विक महामारी के कारण इस बार के चुनाव में मेल जैसी सुविधा से वोटिंग की सुविधा भी वोटर्स को प्रदान की गई थी. जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. एक अनुमान के मुताबिक इस बार राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड 100 मिलियन Early वोटिंग हुई है. जिसकी वजह से ही मतों की गिनती में इतना समय लगा.

पहला वाेट रहा बाइडेन के नाम

अमेरिकी चुनाव की परंपरा के अनुसार पहला वोट न्यू हैंपशायर के डिक्सविले नॉच इलाके में डाला गया, जहां पहले वाेटर लेस ओटन ने खुद को रिपब्लिकन बताया, लेकिन उन्होंने अपना वोट डेमोक्रेटिक कैंडिडेट जो बाइडेन को दिया। एक वीडियो में ओटन ने कहा कि, “कई मुद्दों पर मेरी सहमति ट्रंप से नहीं है.’

अब तक का सबसे महंगा अमेरिकी चुनाव

इस बार का प्रेसीडेंसियल इलेक्शन अमेरिकी इतिहास का सबसे खर्चीला चुनाव रहा है. पूरी चुनावी प्रक्रिया में राष्ट्रपति और कांग्रेसमैन बनने की दौड़ में लगभग 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किये गए हैं. सेंटर ऑफ रेस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स की रिपोर्ट बताती है कि यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि यदि पिछले दो चुनावों के खर्च को मिला दिया जाए तो भी इस बार का फिगर हावी रहेगा.

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