अमेरिका में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से अबतक करीब 1 लाख 90 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, 65 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में हैं. और इन सबके के बीच अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का कोरोना के खतरे को जानबूझकर कम करके बताने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है.
दरअसल, अमेरिका से छपने वाली एक नई किताब में ये बात सामने आई है कि डोनाल्ड ट्रंप ने जनबूझकर कोरोना वायरस के खतरे को कम करके पेश किया था.
मशहूर पत्रकार और लेखक बॉब वुडवर्ड की ये किताब ‘रेज’ में दावा किया गया है कि ट्रंप इस बात को जानते थे कि कोरोना वायरस फ्लू की तुलना में ज्यादा खतरनाक है, लेकिन उन्होंने जानबूझकर इसे कम करके बताया.
बॉब वुडवर्ड ने बताया है कि कोरोना महामारी में दिसंबर 2019 से जुलाई 2020 के बीच ट्रंप का कई बार इंटरव्यू किया. इस दौरान कोरोना से होने वाली पहली मौत से पहले ही ट्रंप ने उन्हें कोरोना के 'जानलेवा' बीमारी होने के बारे में बताया था.
ट्रंप ने 19 मार्च को एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में वुडवर्ड को बताया,
“मैं हमेशा से ही कोरोना को कम करके दिखाना चाहता था. मैं अभी भी इसे कम करके ही बताना चाहता हूं, क्योंकि मैं लोगों में घबराहट और दहशत पैदा नहीं करना चाहता.”
ट्रंप ने क्या दिया जवाब
किताब के कुछ अंश के छपने के बाद अब ट्रंप ने भी अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा,
“मैं नहीं चाहता कि लोग डरें, मैं नहीं चाहता कि अफरा-तफरी मचे, और देश और दुनिया के लोगों में डर का माहौल हो.”
हालांकि किताब पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्रंप ने कहा कि ये किताब राजनीतिक है और मेरे ऊपर हमला है.
वहीं इस पर व्हाइट हाउस ने सफाई देते हुए कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कभी भी जानबूझकर कोरोना वायरस के बारे में सार्वजनिक रूप से गुमराह नहीं किया है. ट्रंप हमेशा अपने भाषण में इस वायरस को लेकर फैले डर को दूर करने की कोशिश करते रहे हैं और लोगों से इस महामारी में घबराने से बचने को कहा है.
विरोधियों के निशाने पर ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और ट्रंप के विरोधी जो बाइडन ने अब इस मामले पर ट्रंप को घेरना शुरू किया है. जो बाइडन ने ट्वीट कर कहा, "उन्होंने (ट्रंप) हमसे महीनों तक झूठ बोला. और जब एक घातक बीमारी हमारे देश को तबाह कर रहा था तो वह अपना काम करने में असफल रहें. यह अमेरिकी लोगों की जिंदगी के साथ धोखा है."
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