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US चुनाव के बाद हिंसा का डर, वॉशिंगटन से आंखों देखी- Video

वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया... बाइडेन की पकड़ वाले राज्यों में सबसे ज्यादा डर.

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections 2020) की गंभीरता को देखते देश में दंगे की आशंका जताई जा रही है. इस बार रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट जो बाइडेन आमने-सामने हैं. कहा जा रहा है कि चुनाव जीत चाहे जिसकी हो, वोटिंग के बाद दंगे भड़क सकते हैं. और इसलिए अमेरिकी लोग पहले ही सुरक्षा की का इंतजाम कर रहे हैं. अमेरिका में लोग दुकानों और घरों को कवर कर रहे हैं. हाल के चुनावों में पहली बार इस तरह के इंतजाम देखे जा रहे हैं.

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अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. वोटिंग के बाद दोनों तरफ के समर्थकों ने प्रदर्शन का ऐलान किया है. इसलिए भी आशंका जताई जा रही है कि समर्थकों के सड़कों पर उतरने से स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है.

हाल ही में, ट्रंप समर्थकों से भरी कारों को बाइडेन-हैरिस की कैंपेन बस को सड़क से गिराने की कोशिश करते देखा गया था.

लोगों में डर का माहौल

अमेरिका में इस वक्त चुनाव को कवर कर रहे पत्रकार अविनाश कल्ला ने क्विंट को बताया कि अमेरिका में भय का माहौल है. लोगों में डर है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप नहीं जीतते हैं, तो देश में हिंसा भड़क सकती है. कल्ला ने बताया कि वॉशिंगटन में लोग बता रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक सड़कों पर उतर कर हिंसा फैला सकते हैं. इस हिंसा का सबसे ज्यादा डर वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, कैलिफॉर्निया के सैन फ्रैंसिस्को इलाकों में है, जहां डेमोक्रेटिक की सत्ता है.

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डेमोक्रेट्स के गढ़ वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में हिंसा का सबसे ज्यादा डर है. हैरानी वाली बात है कि दुनिया के सबसे पुरानी लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन पर हिंसा का डर है. इस तरह के हालात किसी भी अच्छे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. अमेरिका आज इतना बंट गया है इसे आज डिवाइडेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका कहा जा सकता है.
अविनाश कल्ला, पत्रकार

चुनावी अंतर कम हुआ तो भड़क सकती है हिंसा

एक्सपर्टस का ये भी मानना है कि अगर रिजल्ट में ट्रंप और बाइडेन के बीच जीत का अंतर कम होता है, हिंसा की आशंका तब भी है. हिंसा का डर ट्रंप समर्थकों द्वारा ज्यादा है.

शुरुआती पोल्स में जो बाइडेन, ट्रंप से आगे चल रहे थे, लेकिन चुनाव की तारीख नजदीक आते-आते ये अंतर कम हो गया है. रियल क्लियर पॉलिटिक्स के पॉपुलर वोट पर आधारित नेशनल पोल एवरेज के हिसाब से बाइडेन को अभी ट्रंप पर 6.7 पर्सेंटेज प्वाइंट की बढ़त हासिल है. जबकि कुछ वक्त पहले बाइडेन की बढ़त का आंकड़ा 10 पर्सेंटेज प्वाइंट से भी ज्यादा पहुंच गया था.

वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया... बाइडेन की पकड़ वाले राज्यों में सबसे ज्यादा डर.
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दुकानों को कवर कर रहे लोग

न्यूयॉर्क, वॉशिंग्टन डीसी जैसे कई शहरों में लोग अपनी दुकानों को कवर कर रहे हैं. तस्वीरें में देखा जा सकता है कि लोग प्लाईवुड से दुकानें बंद कर रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि प्रदर्शन के दौरान दुकानों की खिड़कियों और दरवाजों को सुरक्षित रखा जा सके.

  • वॉशिंगटन में लोगों ने इस तरह दुकानों को कवर किया

    (फोटो: क्विंट हिंदी)

NPR की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिकागो की मेयर लोरी लाइटफुट का कहना है कि शहर महीनों से चुनाव संबंधी विरोध और प्रदर्शनों के लिए तैयारी कर रहा है. बॉस्टन से कैलिफॉर्निया तक में लोग प्रदर्शनों से लेकर दंगों तक से सुरक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं.

कवर करने वालों में सिर्फ छोटी दुकानें ही नहीं, बल्कि टिफनी जैसे बड़े स्टोर भी हैं. CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टिफनी, सीवीएस, टारगेट, सैक्स फिफ्थ एवेन्यु जैसे स्टोर भी संभावित हिंसा और प्रदर्शनों को देखते हुए दुकानों को कवर कर रहे हैं.
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अमेरिकी जर्नलिस्ट वुल्फ ब्लिट्जर ने प्लाईवुड से कवर घरों का एक वीडियो ट्वीट कर लिखा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि राजधानी में राष्ट्रपति चुनाव से पहले संभावित हिंसा को लेकर मैं इतनी इमारतों को ऐसे बोर्डेड देखूंगा. और ये सिर्फ वॉशिंगटन डीसी की बात नहीं है. ये न्यूयॉर्क, लॉस एंजलिस और देश के दूसरे हिस्सों में भी हो रहा है. दुखद.”

नेशनल रिटेल फेडरेशन ने दुकान मालिकों को तनाव के लिए तैयार करने के लिए ट्रेनिंग तक दी है. वहीं, कई और इलाकों में लोगों को तनावपूर्ण स्थिति के लिए तैयार किया जा रहा है.

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व्हाइट हाउस की सुरक्षा बढ़ाई गई

संभावित प्रदर्शनों और दंगों के मद्देनजर, व्हाइट हाउस की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वोटिंग से पहले, प्रेसीडेंशियल कॉम्प्लेक्स की सुरक्षा भी चाक-चौबंद कर दी गई है.

जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद और Black Lives Matter प्रदर्शन के दौरान वॉशिंग्टन डीसी की कई दुकानों पर हमला किया गया था और प्रॉपर्टी का काफी नुकसान हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल हुए प्रदर्शनों में रिटेलर्स को भारी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए दुकानदार कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.

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बंदूकों की बिक्री बढ़ी

द इंडियन एक्सप्रेस की कुछ दिन पहले आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, FBI के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में बैकग्राउंड चेक बढ़े हैं. गन खरीदने वाले लोगों का बैकग्राउंड चेक जरूरी होता है. FBI के मुताबिक, मार्च में 37 लाख बैकग्राउंड चेक हुए, जो कि जून में बढ़कर 39 लाख हो गए. सितंबर तक 2.88 करोड़ बैकग्राउंड चेक हुए.

फायरआर्म ट्रेड एसोसिएशन, नेशनल स्पोर्ट्स शूटिंग फाउंडेशन के एक कस्टमर सर्वे के मुताबिक, इसमें से 40% लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार गन खरीदी है. सबसे बड़ी संख्या वाले राज्यों में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों हैं.

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पहले से दी जा रही हिंसा की चेतावनी

कुछ दिनों पहले, पॉलिसीमेकर्स और रिसर्चर्स के इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप ने चेतावनी दी थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नजदीक आते-आते, देश में तनाव के सभी तत्व मौजूद हैं.

जॉर्ज फ्लॉयड, ब्रिनोना टेलर की मौत के बाद हुए ब्लैक लाइव्स मैटर के प्रदर्शन, कोरोना वायरस महामारी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादस्पद बयान और चुनाव की गहमागहमी से भरा ये साल अमेरिकियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है.

द गार्डियन की एक खबर के मुताबिक, एक रिपोर्ट में सामने आया है कि अमेरिका में इस साल राजनीतिक प्रदर्शनों में शामिल होने के दौरान 11 लोगों और राजनीतिक उथल-पुथल से जुड़े मामलों में 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इसमें से 9 की मौत Black Lives Matter प्रदर्शन के दौरान हुई. ये डेटा आर्म्ड कॉनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा प्रोजेक्ट (ACLED) ने तैयार किया है.

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