पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने जानबूझकर आतंकी संगठन अल-कायदा से संबद्ध संगठन को वित्त पोषित किया. अमेरिका के सीनेट कमेटी की हालिया जारी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली. रिपोर्ट सीनेट की वित्त समिति के अध्यक्ष चक ग्रासले के कार्यालय द्वारा ओबामा प्रशासन की तरफ से 2 लाख अमेरिकी डॉलर के अनुदान की जांच से जुड़ा है, जिसके तहत अमेरिका के ईसाई धर्म से जुड़े सहायता संगठन वल्र्ड विजन ने अल-कायदा से संबद्ध, इस्लामिक रिलीफ एजेंसी (इसरा) को अनुदान दिया.
इस्लामिक चैरिटी को फंडिंग
संयोग से, वल्र्ड विजन भारत में भी काम करता है और इंटर एक्शन का सदस्य है, जो अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठनों का सबसे बड़ा गठबंधन है. पिछले साल आईएएनएस ने एक बड़े खुलासे में बताया था कि कैसे अमेरिकी सरकारी एजेंसियां इंटर एक्शन के जरिए पाकिस्तान और मध्य पूर्व में स्थित आतंकी समूहों से जुड़ी इस्लामिक चैरिटी को फंडिंग कर रही हैं.
इंटर एक्शन के टुगेदर प्रोजेक्ट में सबसे विवादास्पद इस्लामिक चैरिटी हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (एचएचआरडी) शामिल है, जो कश्मीर में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के धर्मार्थ और राजनीतिक विंग के साथ काम करता है.
जनवरी 2014 में, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) को सूडान के संघर्ष-ग्रस्त ब्लू नील क्षेत्र में मानवीय सेवाएं प्रदान करने के लिए फंड देने की वजह से सम्मानित किया गया था. वर्ल्ड विजन ने इसरा के लिए सेवा उपलब्ध कराई थी. ऐसा वे पहले भी करते रहे थे.
वर्ल्ड विजन ने किया अपना बचाव
लेकिन 2004 से अमेरिकी सरकार द्वारा इसरा पर प्रतिबंध लगा दिया गया. वर्ल्ड विजन ने अपने बचाव में दावा किया है कि इसरा के आतंकवाद के संबंध की वजह से उस पर लगे प्रतिबंधों के बारे में उसे पता नहीं था.
हालांकि सीनेट कमेटी की रिपोर्ट ने वर्ल्ड विजन पर जानबूझकर गलत काम करने के अरोपों से मुक्त कर दिया, लेकिन गैरकानूनी तरीके से सरकारी धन को इसरा को भेजने के लिए फटकार लगाई.
हालांकि वल्र्ड विजन को सितंबर 2014 में एक प्रतिबंधित इकाई के रूप में इसरा की स्थिति के बारे में सूचित किया गया था और इसके भुगतान रोक दिए गए थे, फिर भी इसने अनुरोध भेजा कि इसरा को अनुबंध पूरा करने के लिए एक अस्थायी लाइसेंस दिया जाए. इसरा पर प्रतिबंध लगने की आधिकारिक पुष्टि के बावजूद, अमेरिकी विदेश विभाग ने 4 मई, 2015 को ऑफिस ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल (ओएफएसी) को वल्र्ड विजन की बात मानने के लिए कहा.
सीनेट समिति ने कहा कि इसके अलावा, हालांकि हमें वल्र्ड विजन के दावे पर संदेह करने का कोई कारण नहीं मिलता है कि कुल मिलाकर उनके धन का इस्तेमाल इसरा ने मानवीय उद्देश्यों के लिए किया, लेकिन यह पैसा अनिवार्य रूप से उनकी आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है.
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