अमेरिका (US) में जाति आधारित भेदभाव (Caste Discrimination) को प्रतिबंध करने वाला सिएटल (Seattle) शहर देश का पहला शहर है. सिएटल की सिटी काउंसिल में एक हिंदू प्रतिनिधि क्षमा सावंत (Kshama Sawant) ने यह प्रस्ताव पेश किया था जो अब 6-1 से पारित हो गया है.
क्षमा सावंत ने कहा कि, "जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई "सभी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई से जुड़ी हुई है".
इस प्रतिबंध का समर्थन करने वालों ने कहा कि, अमेरिका में जातिगत भेदभाव को बढ़ने से रोकने के लिए इसकी जरूरत है. हालांकि इसे लेकर दक्षिण एशियाई समुदाय के बीच विभाजन भी देखने को मिला है.
बीबीसी के अनुसार, भारतीय मूल के कई अमेरिकियों की राय है कि जाति को नीति का हिस्सा बना देने से अमेरिका में 'हिंदूफोबिया' की घटनाएं बढ़ सकती हैं. अमेरिका की नगर परिषद में पेश हुआ ये अपनी तरह का पहला प्रस्ताव है. समर्थक इसे सामाजिक न्याय और समानता लाने की दिशा में अहम कदम बताया जा रहा है.
बता दें कि, समाचार एजेंसी पीटीआई ने अमेरिकन कम्यूनिटी सर्वे के 2018 के आंकड़े के हवाले से बताया है कि अमेरिका में भारतीय मूल के 42 लाख लोग रहते हैं. अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की आबादी अप्रवासियों में दूसरे नंबर पर है.
वॉशिंगटन डीसी स्थित हिंदू अमेरिकन फेडरेशन का मानना है कि, वाशिंगटन की आबादी में भारतीय अमेरिकियों की संख्या 2% से भी कम है, और जाति के आधार पर किसी भी व्यापक भेदभाव का कोई सबूत नहीं है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)