अमेरिका के टेक्सस में एक सिनेगॉग (यहूदी उपासनागृह) में एक शख्स ने लोगों को बंदी बना लिया. शख्स ने एक पाकिस्तानी न्यूरोसाइंटिस्ट की रिहाई की मांग की, जिसे अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के अधिकारियों को मारने की कोशिश करने का दोषी ठहराया गया था. कई घंटों तक लोगों को बंदी बनाए जाने के बाद अब सभी को रिहा कर दिया गया है.
गवर्नर ग्रेग अबॉट ने ट्वीट कर जानकारी दी कि सभी बंदियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, बंदियों के रिहा किए जाने की घोषणा से ठीक पहले, पत्रकारों का कहना था कि सिनेगॉग में एक जोरदार विस्फोट और गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी थी.
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, बंदूकधारी शख्स सिनेगॉग में तब घुसा, जब वहां मॉर्निंग सर्विस की जा रही थी. शख्स ने सिनेगॉग में चार लोगों को बंधक बनाया, जिसमें से एक को पहले रिहा कर दिया गया. करीब 10 घंटे बाद, सभी बंदियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
कौन है आफिया सिद्दीकी?
शख्स ने आफिया सिद्दीकी को रिहा किए जाने की मांग की, जो टेक्सस में 86 साल की सजा काट रही है. सिद्दीकी को 2010 में 14 दिन के ट्रायल के बाद सात आरोपों में दोषी ठहराया गया था, जिसमें अफगानिस्तान में अमेरिकी अधिकारियों पर हत्या का प्रयास और हमला शामिल था.
सिद्दीकी को जुलाई 2008 में अफगानिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. अधिकारियों का कहना था कि सिद्दीकी के पास 'डर्टी बॉम्ब' बनाने के कागज थे, जो रेडियोलॉजिकल हथियार थे. उसके पास न्यूयॉर्क सिटी के एंपायर स्टेट बिल्डिंग और ब्रुकलिन ब्रिज पर हमला करने को लेकर भी नोट्स थे.
अफगानिस्तान में सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद, 18 जुलाई 2008 को अमेरिकी सैनिकों और FBI अधिकारियों ने उससे पूछताछ की थी, जब उसने एक अधिकारी की राइफल लेकर सभी पर फायरिंग शुरू कर दी. उसने एक FBI एजेंट और सेना अफसर पर भी हमला किया.
पाकिस्तानी वैज्ञानिक सिद्दीकी ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट किया था. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, वो 1991 से लेकर 2002 तक अमेरिका में रही. सिद्दीकी को सजा सुनाए जाने के बाद अमेरिका में उसकी रिहाई के लिए कई बार प्रदर्शन हुए हैं.
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