11 सितंबर 2001. यानी 9/11. खबर आती है कि अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमला हुआ है. सैकड़ों लोगों की जान गई. फिर क्या था अमेरिका अपने दुश्मनों की तलाश में अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान के खिलाफ युद्ध छेड़ देता है. युद्द के सहारे अमेरिका को अफगानिस्तान (Afghanistan) पर 20 साल तक हुकुमत करने का लाइसेंस मिल जाता है. लेकिन आखिरकार 20 साल बाद 31 अगस्त 2021 की आधी रात से पहले अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अभियान का अंत हो गया.
आधी रात से ठीक एक मिनट पहले 11.59 मिनट पर काबुल के हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से पांच अमेरिकी सी-17 कार्गो जेट ने उड़ान भरी.
आखिरी घंटों में क्या-क्या हुआ
निकासी के अंतिम घंटों में, अमेरिकी निगरानी और हमले के विमानों ने काबुल के ऊपर आसमान को घेर लिया, हवा में चक्कर लगाते रहे, जब तक कि अंतिम कार्गो विमान आसमान से ओझल नहीं हो गया.
आखिरी उड़ान में चढ़ने वाले आखिरी शख्स अमेरिका के 82वें एयरबोर्न के कमांडिंग जनरल मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू थे. क्रिस ने कहा, “जॉब वेल डन“, साथ ही कहा- “आप सभी पर गर्व है.”
अमेरिका के रक्षा विभाग ने मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू की तस्वीर भी ट्विटर पर शेयर की है.
यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने बताया कि आखिरी उड़ान, सी -17 सैन्य विमान ने काबुल के समय के अनुसार आधी रात से ठीक एक मिनट पहले हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने साल की शुरुआत में वापसी के लिए 31 अगस्त की समय सीमा तय की थी. आखिरी उड़ान के जरिए अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिका के राजदूत रॉस विल्सन को भी घर वापसी हो गई.
अफगानिस्तान युद्ध में 2,461 सैनिकों की मौत
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा,
“हमने अफगानिस्तान युद्ध में 2,461 सैनिकों को खो दिया, और अन्य 10,000 (देखे और अनदेखे) घायल हुए. हम दुनिया भर में कहीं से भी उत्पन्न होने वाले आतंकवादी खतरों से अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.”
जैसे ही अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी पूरी की तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में धुआंधार गोलीबारी कर 'आजादी' का जश्न मनाया. एयरपोर्ट पर तालिबानी झंडा फहराया और जीत के नारे लगाए. अब काबुल एयरपोर्ट तालिबा के कब्जे में है.
20 साल के युद्ध का अंत
अफगानिस्तान में युद्ध राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के वक्त शुरू हुआ था. जब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला हुआ तो उसके बाद अमेरिका ने बदला लेने के लिए ऑपरेशन इंड्योरिंग फ्रीडम शुरू किया. जिसके तहत 7 अक्टूबर को अफगानिस्तान में हवाई हमला शुरू किया गया.
अमेरिका को नाटो फोर्स का साथ मिला. नाटो के सैन्य अभियान में ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देश शामिल थे. 2009 तक अमेरिका ने काबुल, कंधाार, हेरात समेत अफगानिस्तान के सभी बड़े शहरों करीब 67 हजार सैनिक उतार दिए थे.
करीब 10 साल बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर में खुफिया मिशन के तहत खोज निकाला. 2 मई 2011 को अमेरिकी नेवी सील कमांडो ने ओसामा बिन लादेन का खात्मा कर दिया. जिसके बाद अमेरिका करीब करीब अपनी जीत मानने लगा था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)