लातिन अमेरिकी देश वेनेजुएला इन दिनों इतने जबरदस्त आर्थिक सकंट के दौर से गुजर रहा. बाजार से नोट गायब हो चुके हैं और लोग सामानों की अदला-बदली कर काम चला रहे हैं. अंडों और केले के बदले हेयर कटिंग करवा रहे हैं तो कहीं आटा देकर मछलियां ली जा रही हैं. मछलियों के बदले आटा, चावल और कुकिंग ऑयल भी ले सकते हैं. वेनेजुएला अपने तेल भंडार की वजह से एक वक्त काफी अमीर था. लेकिन अब हाइपर इन्फ्लेशन और राजनीतिक अस्थिरता ने इस देश को अनिश्यत के भंवर में धकेल दिया है. इकनॉमी इतनी खराब हालत में है कि लोगों को लेन-देन की आदिम व्यवस्था बार्टर अपनाने पर मजबूर होना पड़ा है.
वेनेजुएला में केंद्रीय बैंक महंगाई को रोकने और नए नोट छापने में नाकाम रहा है. मई में यहां महंगाई 25 हजार फीसदी बढ़ चुकी थी. नोट बेमतलब हो गए हैं. अब लोग केले, अंडे और मक्के का आटा देकर हेयर कटिंग करवा रहे हैं.
सस्ती से सस्ती चीजों के लिए नोटों के बड़े बंडल की जरूरत होती है. मुश्किल ये है कि नोट अब सर्कुलेशन से बाहर हो गए हैं.
मछलियों के बदले आटा, चावल और कुकिंग ऑयल की अदला-बदली हो रही है. पेमेंट के लिए कार्ड का चलन भी खत्म हो चुका है.
राजधानी कैराकस में ज्यादातर कारोबारी बैंकिंग सेवाओं से बाहर हो गए हैं. उनके पास कार्ड पेमेंट के लिए पीओएस नहीं है. लिहाजा अब सामान के बदले नोट नहीं सामान ही लिया जा रहा है.
अपने तेल रिजर्व की वजह से वेनेजुएला कभी काफी अमीर हुआ करता था और इसकी जीडीपी इस्त्राइल, स्पेन और ग्रीस से ज्यादा थी. लेकिन तेल सेक्टर के बहुत ज्यादा सरकारीकरण से हालात खराब होते गए और देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी. मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस मदुरो इस साल मई में दोबारा राष्ट्रपति चुने गए. लेकिन हालात सुधरने के बजाय ज्यादा बिगड़ गए हैं.
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