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Russia पर प्रतिबंध पश्चिम पर उल्टे पड़े, अब पुराना वर्ल्ड ऑर्डर बदला- पुतिन

European Union ने खोई अपनी आजादी, अब दूसरों के इशारे पर नाच रहा है संघ- पुतिन

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का कहना है कि अब पुरानी वैश्विक व्यवस्था (Old World Order) बदल चुका है. सेंट पीटर्सबर्ग में इंटरनेशनल इकनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए पुतिन ने यह भी कहा कि उन्हें यूक्रेन के यूरोपियन यूनियन में शामिल होने से कोई दिक्कत नहीं है.

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वहीं पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के बाद लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को असफल भी बताया. इस अहम संबोधन में पुतिन ने विस्तार से कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.

पुरानी वैश्विक व्यवस्था बदली

पुतिन ने कहा, "जब अमेरिका ने कोल्ड वॉर में जीत घोषित की, तो उन्होंने खुद को भगवान का दूत घोषित कर दिया, मतलब उनके हितों को पवित्र माना जाए और उनकी कोई जवाबदेही भी ना हो. लेकिन अब नए शक्ति केंद्र उभर आए हैं, और उनके पास अपने हितों की रक्षा करने का तंत्र, आर्थिक मॉडल व संप्रभुता मौजूद है. इसलिए अब पुरानी वैश्विक व्यवस्था बदल रही है और एक नई दुनिया का उदय हो रहा है."

पश्चिम द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंध उलटे पड़े

जब अमेरिका और उसके साथियों ने रूस को घेरने के लिए यूक्रेन युद्ध का सहारा लिया, तो उन्हें लगता था कि रूस की अर्थव्यवस्था व समाज इसके नीचे ढह जाएगा. लेकिन यह प्रतिबंध, उन्हें लगाने वालों पर ही उलटे पड़ गए. इससे उनके ही देश में सामाजिक व आर्थिक समस्याएं खड़ी हो गईं. इससे खाद्यान्न कीमतें, बिजली की कीमतें, ईंधन कीमतें बढ़ गईं. इससे पूरा पश्चिम, खासतौर पर यूरोप बुरे तरीके से प्रभावित हुआ.

पुतिन ने आगे कहा, "यूरोपीय संघ अपनी राजनीतिक संप्रभुता को पूरी तरह खो चुका है. अब वह किसी और की उंगलियों पर नाच रहा है. उन्हें जो भी कहा जाता है, वे वह कर रहे हैं. इससे उनकी खुद की आबादी व अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है."

रूस ने क्यों भेजी यूक्रेन में सेना

पुतिन ने कहा कि "रूस को यूक्रेन में सेना भेजने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि पश्चिम ने अपने वायदे नहीं निभाए. उनके साथ किसी भी नए समझौते पर पहुंचना मुश्किल हो चुका था. सेना भेजना एक दबाव में लिया गया जरूरी कदम था. क्योंकि रूस के पास पूरा अधिकार है कि वो अपनी सुरक्षा करे व डोबास के नागरिक को नरसंहार से बचाए, जो पश्चिम के पूरे समर्थन वाले कीव व नव उदारवादियों द्वारा किया जाने वाला था."

पश्चिम ने खुद के ऊपर थोपी महंगाई

रूस के ऊपर महंगाई की जिम्मेदारी डालना बेवकूफी है. जैसा अमेरिका कर रहा है. यह उन लोगों के लिए है, जो पढ़े-लिखे नहीं हैं. हमारे ऊपर जिम्मेदारी नहीं डालिए. इसके लिए आप खुद जिम्मेदार हैं.

पुतिन ने कहा कि यूरोपीय संघ अंधाधुंध तरीके से नवीकरणीय ऊर्जा में विश्वास रखता है. इसके चलते वो रूस के साथ दीर्घकालिक प्राकृतिक गैस के समझौते को खत्म करने पर तुला हुआ है. इसी के चलते पिछले साल ऊर्जा कीमत में वृद्धि हुई थी.

पढ़ें ये भी: Ukraine-Russia War: UN की चेतावनी, यूक्रेन के एक शहर में फंसे 10 हजार से ज्यादा नागरिक

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