व्लादिमीर पुतिन ने 7 मई को चौथी बार रूस के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. करीब दो दशक लंबा कार्यकाल पूरा कर चुके पुतिन का 6 सालों का चौथा कार्यकाल शुरू हो गया है. ऐसे में जानना जरूरी है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दूसरे देशों के राष्ट्रध्यक्षों से कैसे अलग हैं?
राजनीति और राजनीति से अलग पुतिन की छवि 'दबंग' वाली रही है. जूडो में ब्लैकबेल्ट 66 साल के पुतिन सार्वजनिक तौर पर कभी शर्टलेस तो कभी एडवेंचर स्पोर्ट्स में हिस्सा लेते नजर आते हैं.
18 मार्च को हुए चुनाव में वो 76 फीसदी वोट हासिल हुए थे. 1999 में पहली बार राष्ट्रपति बनने के बाद वो लगातार या तो राष्ट्रपति रहे हैं या फिर प्रधानमंत्री.
इस दबंग राष्ट्रपति की वो 10 बातें जो जानना जरूरी है:
1.
7 अक्टूबर 1952 में सोवियत संघ के लेनिनग्राद में पैदा हुए व्लादिमीर पुतिन के पिता एक कारखाने में फोरमैन का काम किया करते थे. परवरिश ऐसे अपार्टमेंट में हुई जहां तीन परिवार एक साथ रहा करते थे.
2.
लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने वाले व्लादिमीर शुरुआत से ही सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी में शामिल होना चाहते थे. साल 1975 में उनका ये सपना पूरा हुआ.
3.
पुतिन ने अपने करियर की शुरुआत सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी कमिटी फॉर स्टेट सिक्योरिटी (KGB) से बतौर इंटेलीजेंस ऑफिसर की. पुतिन को उनके करियर की शुरुआत में विदेशी पर्यटकों की जासूसी में लगाया गया.
4.
साल 1984 में व्लादिमीर पुतिन का चयन रेड बैनर इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेलिजेंस में हुआ, यहां उन्होंने जर्मन और इंग्लिश सीखी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद पुतिन ने कई साल ईस्ट जर्मनी में बतौर जासूस काम किया.
5.
साल 1991 पुतिन की जिंदगी बदलने वाला साल था. लेनिनग्राद में मेयर के पद के लिए चुनाव होने वाले थे और एनातोली सोबचक उम्मीदवार थे. सोबचक ने पुतिन को अपना सलाहकार बनाया. बता दें कि पुतिन के टीचर रह चुके हैं सोबचक. चुनाव में जीत हासिल होने के बाद पुतिन ने KGB से इस्तीफा दे दिया और फुलटाइम वाली राजनीति में आ गए.
खास बात ये है कि उसी एनातोली सोबचक की बेटी और पत्रकार सेनिया सोबचक 2018 के चुनाव में पुतिन के खिलाफ लड़ रही थीं.
6.
सत्ता से एक बार जुड़ने के बाद धीरे-धीरे वो शीर्ष पर पहुंचने की तैयारी करने लगे. साल 1997 में उन्हें क्रेमलिन का डिप्टी चीफ एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया, उस दौरान रूस में बोरिस एल्तसिन की सरकार थी.
7.
बोरिस की ही सरकार में पुतिन को रूस की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस का चीफ बनाया गया. अगस्त, 1999 में बोरिस की सरकार में वो रूस के प्रधानमंत्री बने और साल 1999 में एक स्कैंडल में बोरिस के फंसने के बाद पुतिन को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया.
8.
26 मई 2000 में वो पहली बार निर्वाचित होकर रूस के राष्ट्रपति बने, तब से वो या तो देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पद पर बरकरार हैं. इस दौरान कई बार उनपर धांधली करके चुनाव जीतने के आरोप लगे. प्रदर्शन हुए, लेकिन पुतिन अपने पद पर बने रहे.
9.
साल 2008 में पुतिन राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ सके, क्योंकि रूसी संविधान के मुताबिक, कोई भी शख्स दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता. पुतिन सत्ता में बने रहना चाहते थे इसलिए प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हुए और जीत हासिल की. उस दौरान सत्ता की सारी शक्ति पुतिन के पास ही थी.
फिर, रूस के संविधान में संशोधन किया गया. दो बार राष्ट्रपति बनने की लिमिट खत्म हो गई. साथ ही राष्ट्रपति के कार्यकाल को भी 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया. पुतिन ने 2012 में तीसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा और जीत भी गए.
10.
निजी जिंदगी की बात करें तो पुतिन ने साल 1983 में ल्युडमिला से शादी की थी. साल 2014 में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ल्युडमिला से रिश्ता खत्म होने की बात को स्वीकार किया. पुतिन-ल्युडमिला के दो बच्चे हैं. फिलहाल, पूरी दुनिया में चर्चा है कि पुतिन का दिल 35 साल की जिम्नास्ट एलीना काबाएवा पर आ गया है. दोनों को कई मौके पर साथ-साथ देखा गया है.
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