ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या हैं वैक्सीन पासपोर्ट के फायदे और इसे अनिवार्य करने के खतरे?

21 फरवरी को इजरायल ने ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ अनिवार्य कर दिया

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीनेशन चल रहा है. इससे लोगों को उम्मीद है कि जिंदगी एक बार से जल्द ही सामान्य होगी. इसी बीच 21 फरवरी को इजरायल ने 'वैक्सीन पासपोर्ट' अनिवार्य कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने सलाह दी है कि इसे जरूरी न किया जाए. इसके बाद से 'वैक्सीन पासपोर्ट' को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. कई लोग इसके समर्थन कर रहे हैं तो कई विरोध.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आखिर वैक्सीन पासपोर्ट क्या है?

ये वैक्सीन पासपोर्ट एक डिजिटल दस्तावेज होगा. आसान भाषा में कहें तो यह एक हेल्थ कार्ड है. जिसमें कि कोरोना वैक्सीनेशन से जु़ड़ी सभी जानकारी होंगी. यह डिजिटल दस्तावेज एक सर्टिफिकेट का काम करेगा. इसका आप सार्वजनिक स्थानों पर जाते समय इस्तेमाल कर सकेंगे.  जिसे भारत और दुनिया में स्वीकार किया जाएगा. इससे आपको विभिन्न देशों में यात्रा करने के दौरान उनके क्वारंटीन के नियमों से छूट मिल सकती है.

वैक्सीन पासपोर्ट का कौन इस्तेमाल कर रहा है?

इजरायल दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने वैक्सीन पासपोर्ट जारी किया है. यह पासपोर्ट होने पर आपको होटल, रेस्टोरेंट, जिम, काम की जगह और अन्य सार्वजिनक स्थानों पर प्रवेश मिलेगा. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक थाईलैंड भी जल्द ही ऐसा वैक्सीन सर्टिफिकेट जारी कर सकता है.

देशों के अलावा अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने एक ‘ट्रैवल पास’ बनाया है जो कि वह एयरलाइंस और एविशयन सेक्टर को देगा. इसमें  पर्यटकों के कोरोना टेस्ट औऱ वैक्सीनेशन से जुड़ी जानकारी होंगी.  

विश्व इकोनॉमिक फोरम (डब्लयूईएफ), करीब 350 प्राइवेट और पब्लिक साझेदार एक 'कॉमनपास' लांच करने पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इसमें लोग कोरोना से जुड़े (पीसीआर टेस्ट और वैक्सीनेशन) से जुड़ी जानकारी दर्ज करेंगे. जिससे कि लोग अलग-अलग देशों में यात्रा के लिए उनके कोविड-19 को देखते हुए तय नियमों को पूरा कर सकेंगे. इस दौरान लोगों का स्वास्थ्य से संबधी निजी डाटा भी सुरक्षित रहेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यह काम कैसे करता है

'कॉमनपास' की बात की जाए तो इसमें व्यक्ति अपना टेस्ट परिणाम और वैक्सीनेशन से जुड़ा डाटा देख सकता है. किसी का भी कोविड-19 स्टेटस जानने के लिए उनकी सहमति ली जाएगी. इस दौरान व्यक्ति का स्वास्थ्य से संबंधी निजी डाटा उजागर नहीं किया जाता. लैब परिणाम और टीके की जानकारी डाटा सिस्टम, राष्ट्रीय, स्थानीय रजिस्ट्री और निजी डिजिटल स्वास्थ्य के रिकॉर्ड से ली जाती है.

‘कॉमनपास’ प्लेटफॉर्म की अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक वह देखता है कि व्यक्ति के लैब रिजल्ट और टीकाकरण की जानकारी क्या किसी विश्वसनीय स्त्रोत से आ रही है. जिस देश में पर्यटक प्रवेश करना चाहते हैं, क्या वह वहाँ के नियमों को पूरा कर रहे हैं.  

बता दें कि इजरायल ने महीनों लगे लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से उबरने के लिए वैक्सीन पासपोर्ट जारी है. जिस भी व्यक्ति ने कोरोना वैक्सीन की डोज ले ली है, उसे एक एप डाउनलोड करने पर 'ग्रीन पास' दिखेगा. यह एप यह भी बताएगा कि कोविड-19 से कौन स्वस्थ हो चुका है. ग्रीन पास से आप रेस्तरां, होटल औऱ अन्य सार्वजनिक जगहों में आसानी से जा सकेंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इससे फायदा क्या है?

यह डिजिटल सर्टिफिकेट यात्रियों और अन्य लोगों के लिए एक सबूत की तरह काम करेगा कि वह कोरोना से स्वस्थ है. इस कारण पर्य़टकों को क्वांरटीन की नियम से भी छूट मिलेगी. कई देशों ने यात्रियों के प्रवेश के समय कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट और पहुंचते समय टेस्ट करवाना अनिवार्य किया हुआ लेकिन वैक्सीन पासपोर्ट होने पर इन नियमों से छूट मिल सकती है. आप सर्टिफिकेट का प्रिंटआउट निकाल कर भी अपने पास रख सकते हैं. कहीं भी जरूरत पड़ने पर इसे दिखा सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत ने 'वैक्सीन पासपोर्ट' को लेकर क्या सोचा है?

भारत की इजरायल की तरह अभी वैक्सीन पासपोर्ट लाने की कोई योजना नहीं है. कई लोग वैक्सीन पासपोर्ट को यात्रा आसान करने के रूप में देख रहे हैं. बता दें कि देश के कई राज्य सरकारों ने पहले से ही कोरोना के बढ़ते नये मामलों को देखते हुए  यात्रियों के लिए कोविड-19 आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया हुआ है.

कई राज्य सरकार वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को लेकर विचार कर रही है ताकि कोरोनाकाल में हुए पर्यटन उद्योग के नुकसान को कम किया जा सके. फिलहाल देश में कोरोना टीके की पहली खुराक लगने पर प्रोविजनल सर्टिफिकेट मिल रहा है. दूसरी डोज के बाद फाइनल सर्टिफिकेट मिलेगा.  

राजस्थान पर्य़टन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता के हवाले से 'मिंट' ने लिखा कि, "वैक्सीन आना एक बहुत बड़ी राहत की बात है. जिनको भी कोरोना टीका लग चुका है वह पहले से ज्यादा चिंता मुक्त होकर यात्रा करेंगे. जिससे कि सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. हालांकि वैक्सीन नई होने के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी चिंता जायज है. यह अभी मेडिकल विशेषज्ञों द्वारा स्टडी का विषय है. अभी फिलहाल राजस्थान में आने के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य करने का विचार नहीं है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वैक्सीन पासपोर्ट की चर्चा शुरू होने के बाद निजता को लेकर क्या चिंताएं है?

वैक्सीन पासपोर्ट के बाद डाटा की गोपनीयता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. उदाहरण के तौर पर हाइफा विश्वविधालय में कम्प्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर और प्राइवेसी इजरायल बोर्ड के सदस्य Orr Dunkelman ने कहा कि एप (ग्रीन पास) यह भी बता रहा कि कौन कोविड-19 से ठीक हुए या किसे वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं, जबकि जांचकर्ता को यह जानने की जरूरत नहीं है. यह एप एक आउटडेटेड एन्क्रिप्शन लाइब्रेरी का इस्तेमाल कर रहा है जिससे कि सुरक्षा को अधिक खतरा है.

इजरायल का एप ओपन सोर्स नहीं है इसलिए कोई विशेषज्ञ अभी साफ तौर पर यह नहीं कह सकते कि डाटा गोपनीयता को लेकर चिंताएं सही है या नहीं. इसके अलावा किसी सरकार के किसी भी ऐसे एप से यह डर तो रहता ही है कि प्रशासन लोगों पर नजर रख रहा है.  
ADVERTISEMENTREMOVE AD

WHO वैक्सीन पासपोर्ट को अनिवार्य बनाए जाने के खिलाफ क्यों है?

WHO इमर्जेंसीज के चीफ डॉ.माइकल रेयान ने 8 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि जो भी देश यात्रा के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन अनिवार्य करने की सोच रहे, वह संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ एजेंसी की सलाह के अनुसार नहीं है. यह नैतिक भी नहीं है. वैक्सीन दुनिया में जरूरत के मुताबिक अभी उपलब्ध नहीं है. सभी लोगों की वैक्सीन तक समान पहुंच नहीं है. दुनिया के कई देशों में अभी कोरोना टीके की सप्लाई सीमित है. भारत समेत कई देशों में अभी कुछ ही लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है. अभी यह डाटा भी एकत्रित करना है कि कोविड-19 टीके से लोगों में कितने समय तक इम्यूनिटी रहेगी.

इन नियमों से विश्व के कई लोग संसाधन और सुविधाओं से भी वंचित हो जाएंगे. कई आलोचक यह भी कह रहे हैं कि इससे असमानता भी बढ़ेगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×