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मारा गया दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी बगदादी, ट्रंप का ऐलान

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने बगदादी को निशाना बनाकर हमला किया है

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामिक स्टेट के सरगना बददादी के मारे जाने का ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि बगदादी अमेरिका के एक ऑपरेशन के दौरान मारा गया.

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कभी फुटबॉल स्टार था बगदादी

इब्राहिम अव्वाद इब्राहिम अल बद्री यानी अबु बक्र अल-बगदादी का जन्म 1971 में इराक के समारा में हुआ था. बचपन से ही बगदादी धर्म को लेकर कट्टर था. वो अपने रिश्तेदारों पर भी धार्मिक मामलों में जरा भी गलती न करने के लिए जोर डालता था. पढ़ाई लिखाई के बाद बगदादी बगदाद की एक मस्जिद में बच्चों को कुराना की सीख देता था. लोकल क्लब में वो फुटबॉल स्टार भी था.

बगदादी ने 1996 में इस्लामिक स्टडीज में बगदाद यूनवर्सिटी से डिग्री ली. फिर इराक की ही सद्दाम यूनिवर्सिटी से कुरान पर मास्टर और पीएचडी की.

चाचा ने मुस्लिम ब्रदरहुड में शामिल कराया

ग्रेजुएशन के वक्त ही उसके चाचा ने उसे मुस्लिम ब्रदरहुड नाम के संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. संगठन में शामिल होते ही बगदादी कट्टरवादियों के करीब आने लगा.

2003 में इराक में अमेरिका की अगुवाई में राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के तख्तापलट के लिए एक हमला हुआ. कहा जाता है कि इसके बाद बगदादी ने एक इस्लामिक विद्रोही संगठन खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई, जिसका नाम था- Jamaat Jaysh Ahl al-Sunnah wa-l-Jamaah. इस संगठन ने अमेरिकी सैनिकों और उनके सहयोगियों पर हमले किए थे. इस ग्रुप में बगदादी शरिया कमेटी का चीफ था.

जब हिरासत में रखा गया बगदादी

साल 2004 की शुरुआत में बगदादी को अमेरिकी फौज ने फालुजा शहर में हिरासत में ले लिया. इसके बाद उसे कैंप बक्का हिरासत केंद्र में रखा गया. यहां रहते हुए बगदादी ने अपने कॉन्टैक्ट्स बढ़ाए. हालांकि, अमेरिका उस वक्त समझ नहीं पाया कि भविष्य में बगदादी कितना खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में अमेरिका ने बगदादी को 10 महीने बाद रिहा कर दिया.

कैंप बक्का से निकलने के बाद बगदादी एक नए संगठन अल-कायदा इन इराक के संपर्क में आया. अबू मुसाब अल जरकावी की अगुवाई वाला यह संगठन इराक में विद्रोहियों के बीच तेजी से अपनी पैठ बना रहा था. इस संगठन ने सर कलम करने जैसी क्रूर यातनाएं देकर भी सबका ध्यान खींचा

इस तरह बना ISIS

साल 2006 में अमेरिका के एक हमले में जरकावी मारा गया. इसके बाद उसका संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक यानी ISI के नाम से जाना जाने लगा. बगदादी ISI की शरिया कमेटी की देखरेख कर रहा था. साल 2010 में जब अमेरिका के हमले में ISI का लीडर अबू उमर अल बगदादी मारा गया तो अबू बक्र अल बगदादी उसका उत्तराधिकारी बना. साल 2013 में ISI ने सीरिया में अल कायदा समर्थित एक संगठन अल नुसरा पर अपना अधिकार घोषित कर दिया. इसके साथ ही बगदादी ने अपने ग्रुप का नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लेवंट कर दिया. इसे इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया यानी ISIS के नाम से भी जाना जाने लगा. साल 2014 में अलकायदा ने al-Nusra की लड़ाई और दूसरी वजहों से ISIS से अपना संबंध खत्म कर दिया. उधर ISIS ने तेजी से इराक और सीरिया के कई इलाकों पर कब्जा जमा लिया.

साल 2014 में बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया. इसके साथ ही ISIS ने अपना नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट यानी IS कर दिया. इस संगठन ने सिर कलम करने के साथ-साथ लोगों दी गई क्रूर यातनाओं को इंटरनेट के जरिए दुनिया के सामने रखा और दुनियाभर में अपना खौफ पैदा करने की कोशिश की. उधर आर्थिक मोर्चे पर मजबूती के लिए IS ने कई ऑइलफील्ड और गैसफील्ड पर कब्जा जमाया.

देखते ही देखते IS इराक और सीरिया के साथ-साथ अमेरिका जैसे देशों के लिए भी बड़ी चुनौती बन गया. इसके बाद जब कई देशों ने इस संगठन के खिलाफ अभियान छेड़ दिया, तो भले ही इराक और सीरिया में इस संगठन का इलाका कम होने लगा और पकड़ ढीली होने लगी, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में इसके हमले सामने आते रहे. ऐसे में IS का असर खत्म करने की दिशा में बगदादी का मारा जाना बेहद बड़ा कदम माना जा रहा है.

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