ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के अगले चुनाव में अभी चार साल का वक्त बाकी है, लेकिन अगला पीएम कौन हो सकता है, इसके चर्चे अभी से ही शुरू हो गए हैं. ब्रिटेन की राजनीति में कई बड़े नेताओं के बीच, एक नाम तेजी से ऊपर बढ़ रहा है, और वो नाम है- ऋषि सुनक. भारतीय मूल के ऋषि सुनक अभी ब्रिटेन के चांसलर ऑफ द एक्सचेकर हैं, यानी कि वित्त मंत्री. केंद्रीय मंत्री के तौर पर ही उनकी लोकप्रियता इतनी है कि लोग उन्हें ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देख रहे हैं.
कौन हैं ऋषि सुनक?
दिग्गजों के सामने देखें तो ऋषि सुनक ब्रिटेन की राजनीति में अभी नए ही हैं. उनका राजनीतिक करियर साल 2015 में शुरू हुआ था, जब वो कंजर्वेटिव पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर रिचमंड सीट से चुनाव जीते थे. सांसद के तौर पर अपने पांचवें ही साल में, सुनक को ब्रिटेन के वित्त मंत्रालय का कार्यभार सौंप दिया गया. फरवरी 2020 में, साजिद जाविद के इस्तीफा देने के बाद उन्हें ब्रिटेन का नया चांसलर ऑफ द एक्सचेकर नियुक्त किया गया. इससे पहले, वो ट्रेजरी में मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
भारत से जुड़ी हैं जड़ें
ऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के हैं. दोनों ईस्ट अफ्रीका से यूके आ गए थे. ऋषि का जन्म यूके के साउथहैंप्टन में हुआ, जहां उनके पिता जनरल प्रैक्टिशनर थे और मां एक स्थानीय फार्मेसी चलाती थीं.
ब्रिटेन के बड़े कॉलेजों से की पढ़ाई
ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के कुछ नामी कॉलेजों से पढ़ाई की है. सुनक की स्कूलिंग विन्चेस्टर कॉलेज से हुई, जिसके बाद उन्होंने ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी से पॉलिटिक्स, फिलॉसिफी और इकनॉमिक्स (PPE) की पढ़ाई की.
अपनी वेबसाइट में सुनक बताते हैं कि अच्छे स्कूलों में उन्हें पढ़ाने के लिए उनके माता-पिता ने खूब मेहनत की है.
ऑक्सफॉर्ड से निकलने के बाद, सुनक ने गोल्डमैन सैश जैसी बड़ी कंपनी में काम किया. कुछ सालों तक फाइनेंस सेक्टर में काम करने के बाद, सुनक एमबीए करने स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. यही वो जगह थी जहां वो अपनी होने वाली पत्नी, अक्षता मूर्ति से मिले. स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी में सुनक फुलब्राइट स्कॉलर थे.
अक्षता मूर्ति, बड़ी भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की बेटी हैं.
स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद, सुनक द चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट से जुड़े.
वित्त मंत्री बनते ही सामने आई कोरोना महामारी
13 फरवरी, 2020 को चांसलर ऑफ द एक्सचेकर नियुक्त होने के बाद, सुनक ने 11 मार्च को अपना पहला बजट पेश किया. इस वक्त तक, कोरोना वायरस महामारी दुनिया के कई देशों को अपनी जकड़ में ले चुकी थी. अपने पहले बजट में, सुनक ने 350 बिलियन पाउंड की अतिरिक्त मदद की घोषणा की, जिसमें से 12 बिलियन पाउंड सीधा COVID-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए था.
इसके कुछ ही दिनों बाद, सुनक ने कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट में बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए 330 बिलियन पाउंड के स्टेट-बैक्ड लोन का ऐलान किया. अपने इस भाषण में, सुनक ने लोगों से वादा किया कि सरकार इस संकट से निकालने के लिए ‘चाहे जो करना पड़े, वो करेगी.’
“मैं हर एक ब्रिटिश नागरिक को आश्वस्त कराना चाहूंगा, कि इससे निपटने के लिए सरकार आपकी हर संभव मदद करेगी. हम नौकरी, इनकम, बिजनेस को सपोर्ट करेंगे और आपके करीबियों को सुरक्षित रखने में भी मदद करेंगे. चाहे जो करना पड़े, हम वो करेंगे.”ऋषि सुनक
लोकप्रियता में बोरिस जॉन्सन से भी आगे
सुनक के इस भाषण ने लोगों में उम्मीद जगाई. रिपोर्ट्स कहती हैं कि चांसलर ऑफ द एक्सचेकर का पद संभालने के 6 महीनों के अंदर ही, उनकी लोकप्रियता पीएम बोरिस जॉनसन से काफी आगे चली गई है. कई सर्वे में सामने आया है कि सुनक को लोग जॉनसन से ज्यादा पसंद करते हैं. रिएक्शन वेबसाइट के मुताबिक, कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं में भी सुनक पसंद किए जाते हैं. ऐसे में, वो ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर एक दमदार उम्मीदवार बन कर उभर रहे हैं.
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