विकीलीक्स के फाउंडर जुलिएन असांजे को जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के मामले में लंदन की साउथवार्क क्राउन कोर्ट ने 50 हफ्तों के जेल की सजा सुनाई गई है. उनके प्रत्यर्पण की सुनवाई से ठीक एक दिन पहले ये सजा सुनाई गई है. अमेरिका के सरकारी पासवर्ड को हैक करने की साजिश रचने के लिए उन पर अलग-अलग आरोप हैं.
इससे पहले मंगलवार को खबर आयी थी कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए असांजे को 12 महीने कैद की सजा सुनाई जा सकती है. हालांकि यह भी कहा गया था जेल में उनके बिताए गए समय का भी ख्याल रखा जा सकता है. लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में सात वर्षों बिताने के बाद 47 वर्षीय असांजे को पिछले महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था.
इक्वाडोर सरकार ने असांजे को दी शरण हटा ली थी
असांजे ने 2012 में लंदन स्थित इक्वाडोर दूतावास में शरण ली थी ताकि स्वीडन में वह यौन उत्पीड़न के आरोपों से बच सकें. इक्वाडोर द्वारा उनके शरणार्थी का दर्जा खत्म किए जाने के बाद 11 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इक्वाडोर के राष्ट्रपति का कहना था कि असांजे की ओर से लगातार अंतराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के कारण उन्हें दिया गया राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा वापस लिया गया. हालांकि विकिलीक्स ने आरोप लगाया कि कि इक्वाडोर ने उन्हें दी गई राजनीतिक शरण वापस लेते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है.
दुनिया भर में असांजे के बड़ी संख्या में समर्थक हैं. इन लोगों का मानना है कि उन्होंने सत्ता के दुरुपयोग को उजागर कर काफी अच्छा काम किया है.वहीं जांच एजेंसियों का मानना है कि इन खुलासों से उन्होंने अमेरिका की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश की.
कौन है जूलियन असांजे
2010 में अपनी वेबसाइट विकीलीक्स के जरिये इराक अफगानिस्तान युद्ध और अमेरिका से जुड़े खुफिया दस्तावेज जारी कर जूलियन असांज दुनिया भर में मशहूर हो गए थे. दुनिया भर के कई देश उनकी गिरफ्तारी चाहते थे. असांजे पर साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से चोरी की गई सामग्री को जारी कर रूसी हस्तक्षेप का समर्थन का भी आरोप है.
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