कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लोकसभा में भारत-चीन पर दिए बयान पर अमेरिका (America) ने कहा है कि वो राहुल के इस बयान का समर्थन नहीं करता है. राहुल गांधी द्वारा चीन और पाकिस्तान को करीब लाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की नीतियों को दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब इस दावे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह इस समर्थन नहीं करेंगे.
नेड प्राइस ने आग कहा-
मैं यह पाकिस्तान और चीन पर छोड़ता हूं कि वो अपने संबंधों पर क्या कहते हैं. लेकिन हम इस बयान का समर्थन नहीं करते.
नेड प्राइस ने कहा कि देशों को अमेरिका और चीन के बीच चुनाव की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा अमेरिका की साझेदारी के लिए कई फायदे हैं. पाकिस्तान अमेरिका का "रणनीतिक साझेदार" है
बता दें कि राहुल गांधी ने मोदी सरकार की मौजूदा घरेलू और विदेश नीति पर सवाल उठाए थे और कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की वजह से "दो भारत" बन गए हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने भी राहुल के इस बयान पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था- “राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि यह सरकार ही है जिसने पाकिस्तान और चीन को एक साथ लाया. शायद, इतिहास के कुछ सबक इस क्रम में हैं. 1963 में, पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया. चीन ने 1970 के दशक में पीओके के रास्ते काराकोरम हाईवे का निर्माण किया था."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)