रिपोटर्स विदआउट बॉडर्स की ओर से जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में भारत 142वें स्थान पर बरकरार है. भारत 180 देशों की इस लिस्ट में उन देशों में से एक बना हुआ है जो आजाद पत्रकारिता के लिए 'खराब' माने जाते हैं.
इंडेक्स को लेकर ताजा रिपोर्ट में कहा गया है, ‘’सरकार समर्थक मीडिया ने प्रोपेगैंडा का एक तरीका पैदा किया है, (जबकि) सरकार की आलोचना करने की हिम्मत रखने वाले पत्रकारों को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों द्वारा “राष्ट्र विरोधी’’ और यहां तक कि ‘आतंक समर्थक’ करार दिया जाता है. यह उन्हें बेहद हिंसक सोशल मीडिया हेट कैंपेन्स के रूप में सार्वजनिक निंदा के माहौल में खड़ा करता है, जिसमें उन्हें मारने के लिए आह्वान भी शामिल होते हैं, खासकर अगर वे महिलाएं हैं.’’
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में नॉर्वे पहले स्थान पर है. उसके बाद क्रमशः फिनलैंड, स्वीडन और डेनमार्क का नंबर है. इरीट्रिया को सबसे नीचे जगह मिली है. चीन को 177वां स्थान मिला है, जो नॉर्थ कोरिया (179) और तुर्कमेनिस्तान (178) से ऊपर है.
एशिया पैसिफिक क्षेत्र की बात करें तो भारत म्यांमार (सैन्य तख्लापलट से पहले) से भी नीचे है, म्यांमार को 140वां स्थान मिला है. श्रीलंका (127) और नेपाल (106) भी भारत से ऊपर हैं.
इंडेक्स में अमेरिका को 44वां स्थान मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है, ''इस साल, इंडेक्स के 180 देशों में से केवल 12 (7 फीसदी) ही पत्रकारिता के लिए अनकूल माहौल देने का दावा कर सकते हैं, जबकि पिछले साल 13 ऐसे देश (8 फीसदी) थे.''
बता दें कि वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2020 में भारत दो स्थान नीचे उतरकर 142 वें नंबर पर आया गया था. उस वक्त की रिपोर्ट में कहा गया था, ''लगातार स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया जिनमें पत्रकारों के खिलाफ पुलिसिया हिंसा, राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमला, बदमाशों और भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों द्वारा बदले में हिंसा आदि शामिल हैं.’’
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