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World Radio Day: आकाश की वाणी, लगी और सुहानी; जब सुनी फिल्मी सितारों की जुबानी

भारत के कुछ इलाकों में आज भी खबरों और मनोरंजन का एकमात्र साधन सिर्फ रेडियो ही है.

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'ये आकाशवाणी है...', क्या यह शब्द आज भी आपके कानों में गूंजता है... यदि इसका उत्तर हां है, तो इसका अर्थ है कि आप भी रेडियो के उन असंख्य दीवानों में से एक हैं, जो इस बोलते डिब्बे के पास कान सटाए घंटों बैठे रहते थे. रेडियो की दीवानगी ही ऐसी थी छोटे बडे सभी का मनोरंजन बस इसी के इर्द गिर्द घूमता था. आज उसी रेडियो को याद करने का दिन है, यानि कि आज वर्ल्ड रेडियो डे (World Radio Day) है.

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रेडियो का आविष्कार 18वीं और 19वीं सदी के बीच किया गया. इटैलियन इन्वेंटर मार्कोनी को 'फादर ऑफ रेडियो' कहा जाता है. लेकिन रेडियो का आविष्कार किसने किया इस पर अभी कुछ संशय बाकी है. कुछ लोग मार्कोनी (Marconi) को तो कुछ निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) को रेडियो का आविष्कार करने वाला बताते हैं. हालाकिं रेडियो के आविष्कार में इन दोनों का ही अहम योगदान रहा है, इस बात पर कोई मतभेद नहीं है.

हिंदुस्तान में रेडियो की दीवानगी बढाने में बॉलीवुड फिल्मों ने काफी योगदान दिया. फिल्मी गानों ने ही रेडियो को लोकप्रियता के चरम पर पहुंचाया था. 70-80 के दशक में रेडियो और बॉलीवुड की लोकप्रियता साथ-साथ चरम पर थी. आज भी तमाम बॉलीवुड स्टार्स रेडियो पर आने को उतावले रहते हैं, कइयों ने प्रसिद्धि के टॉप पर पहुंचने के बाद भी रेडियो जॉकी बनकर इस माध्यम पर आने में कभी संकोच नहीं किया.
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बॉलीवुड स्टार्स के मशहूर रेडियो शो

बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता करण जौहर ने कॉलिंग करण नाम के एक शो के लिए रेडियो को चुना था. फिल्म निर्माता ने शो में लव गुरु के रूप में काम किया, कॉल करने वालों को रिश्ते की सलाह दी. इस शो के प्रत्येक एपिसोड ने अलग अलग मुद्दों को संबोधित किया था.

विद्या बालन ने धुन बदल के तो देखो नाम के शो से आरजे बनने का रुख किया. घरेलू हिंसा से लेकर नए जमाने के पालन-पोषण तक, उनके शो ने समाज को प्रभावित करने वाली अलग अलग समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया। विद्या बालन ने इसी टाइटल के साथ एक रैप सॉन्ग भी किया था.

करीना कपूर खान ने व्हाट वुमन वांट नाम के अपने रेडियो शो में महिला-केंद्रित मुद्दों पर खुल कर बात की. रिपोर्ट्स के अनुसार शो के बारे में बात करते हुए, करीना कहती हैं, "आज भी महिलाएं वास्तव में क्या चाहती हैं, इसे बहुत कम महत्व दिया जाता है, और मुझे खुशी है कि मुझे एक रेडियो शो का हिस्सा बनने का मौका मिला जो इसके बारे में बात करता है."

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अभिनेता और संगीतकार आयुष्मान खुराना पहले एक रेडियो जॉकी थे. 22 साल की उम्र में, उन्होंने ब्रेकफास्ट शो की मेजबानी करके शोबिज में अपना करियर शुरू किया, जो संयोग से बॉलीवुड के बारे में ही था.

अन्नू कपूर के शो सुहाना सफर में 1955 से 1985 तक भारतीय फिल्म संगीत के गोल्डन एरा का संगीत दिखाया गया था. शो के दौरान वह श्रोताओं को एक लंबी यात्रा पर ले गए जहां अभिनेता ने पर्दे के पीछे की घटनाओं, दिलचस्प तथ्यों और फिल्मों के बारे में सामान्य ज्ञान सुनाया. उन्होंने एक विशेष वर्ष के टॉप 12 गाने भी बजाए.

बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त जब जेल में बंद थे तब वह जेल में कैदियों के लिए रेडियो जॉकी बनकर उनका मनोरंजन किया करते थे.

बॉलीवुड के गानों को दूर दराज तक पहुंचाने में रेडियो का बड़ा योगदान रहा है. भारत में लम्बे समय तक बड़ी आबादी के लिए गानें और खबरें सुनने का एकमात्र माध्यम रेडियो ही रहा है. रेडियो के स्वरुप बदले लेकिन रेडियो हमारी जिंदगी का हिस्सा बना रहा.

आज भी अपनी फिल्मों के प्रमोशन के लिए बॉलीवुड स्टार्स रेडियो का रुख करते है. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि भारत के कुछ इलाकों में आज भी खबरों और मनोरंजन का एकमात्र साधन सिर्फ रेडियो ही है.

(इनपुट्स- द ट्रिब्यून)

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