भारत और चीन के बीच तनातनी के बीच भारत और चीनी सेनाएं लाइन ऑफ कंट्रोल पर आमने सामने हैं. ऐसी परिस्थितियों में 26 मई को चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग ने अपनी मिलिट्री को युद्ध की तैयारियों को बढ़ाने का आदेश दिया है. उन्होंने सेना से कहा कि बुरे से बुरे हालातों के लिए तैयार हो जाएं और कठिन परिस्थितियों का सामना प्रभावी ढंग से करें. साथ ही देश की संप्रभुता की डटकर रक्षा करें.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम प्रधानमंत्री कार्यालय में तीनों सेनाओं से मौजूदा हालात पर विकल्प सुझाने के लिए कहा है. तीनों सेनाओं की तरफ से लद्दाख में चीन के साथ बने हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विस्तृत रिपोर्ट दी गई. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे.
हांलाकि चीनी राष्ट्रपति ने किसी ऐसे खास मुद्दे का जिक्र नहीं किया जिससे देश को खतरा हो.
66 साल के चीनी राष्ट्रपति जी जिनपिंग ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और पीपल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स (PAPF) के साथ बैठक में ये बातें कही हैं. ये चीन की विधायिका- नेशनल पीपल्स कांग्रेस का सालाना सेशन चल रहा था.
भारत के साथ चीन की तनातनी के बीच, चीन की अमेरिका से भी कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर नोंक झोंक चल रही है. रविवार को चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री ने अमेरिका के कुछ नेताओं की आलोचना की थी जिन्होंने कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि अमेरिका चीन के साथ अपने संबंध को शीत युद्ध जैसे हालातों में ले जा रहा है.
वहीं हॉन्ग कॉन्ग में चीन के नेशनल सिक्योरिटी कानून के विरोध में प्रदर्शन हो गया.
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