कोलकाता, 21 दिसंबर (भाषा) यादवपुर विश्वविद्यालय ने विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं करने का शनिवार को फैसला किया, जिसे कुलाधिपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ संबोधित करने वाले थे। यह फैसला छात्रों द्वारा उन्हें काला झंड़ा दिखाने की धमकी देने के बाद किया गया।
इस निर्णय पर धनखड़ ने निराशा जताई है।
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्नेहामंजू बसु ने पीटीआई-भाषा को शनिवार को बताया कि वार्षिक दीक्षांत समारोह, जिसमें कुलाधिपति की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है, का आयोजन अपने तय कार्यक्रम के अनुसार 24 दिसंबर को ही होगा।
सभी विश्वविद्यालयों में विशेष दीक्षांत समारोह के दौरान प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को मानद डॉक्टरेट डिग्री प्रदान की जाती है और इसके बाद वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन होता है।
बसु ने कहा कि कार्यकारी परिषद की बैठक में निर्णय किया गया कि वामपंथी छात्र संगठनों की धमकी के चलते विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा।
इस फैसले पर धनखड़ ने निराशा जाहिर की और कहा कि कुलाधिपति की मंजूरी के बिना दीक्षांत समारोह के बारे में कोई निर्णय नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय कानून के तहत कुलाधिपति को विश्वविद्यालय का प्रमुख बनाया गया है, जो यादवपुर विश्वविद्यालय के सर्वोच्च निकाय की बैठक की अध्यक्षता करते हैं। कार्यकारी परिषद कुलाधिपति की मंजूरी के बिना कोई निर्णय नहीं कर सकती है।”
हालांकि, बसु ने कहा कि विशेष दीक्षांत समारोह को बाद में किसी समय आयोजित किया जाएगा, जिसमें चार गणमान्य व्यक्तियों को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
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