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मराठा आंदोलन हुआ हिंसक: 2 MLA और पूर्व मंत्री का घर फूंका, NCP ऑफिस भी आग के हवाले

Maharashtra Maratha Andolan: मराठा आंदोलेन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे लगातार छठे दिन भूख हड़ताल पर रहे.

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महाराष्ट्र (Maharashtra) में मराठा आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन सोमवार, 30 अक्टूबर को हिंसक हो गया. प्रदर्शन के दौरान एक उग्र भीड़ ने NCP के विधायक मनोज प्रकाश सोलंके का घर आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने मनोज प्रकाश के घर के अलावा NCP विधायक संदीप क्षीरसागर और राज्य के पूर्व मंत्री जय क्षीरसागर के घरों में भी आग लगा दी. इसके अलावा बीड में NCP का ऑफिस भी आंदोलन की आग के बच नहीं पाया. 

इसके अलावा सड़कों पर भी जमकर प्रदर्शन देखने को मिला. मराठा समुदाय के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर धुले-सोलापुर हाईवे बंद कर दिया. बसों पर पत्थरबाजी की खबरें आने के बाद महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने कई जिलों में अपनी सेवाएं रोक दीं. ज्यादातर सेवाएं मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थगित की गईं.

इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने कुछ सांसदों और विधायकों के गांवों में प्रवेश करने पर रोक लगा दी. इसे देखते हुए श्रीकांत शिंदे और दादा भूसे ने अपने दौरे टाल दिए.

मराठा आंदोलेन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे लगातार छठे दिन भूख हड़ताल पर रहे. महाराष्ट्र सरकार को 40 दिन का समय देने के बाद उन्होंने 25 अक्टूबर से फिर से अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी है. MLA के घर में आग लगाए जाने पर उन्होंने कहा कि विधायक ने ही समुदाय के लोगों को भड़काया होगा. उन्होंने कहा कि मराठा शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, लेकिन चाहते हैं कि मुख्यमंत्री "विवादास्पद बयान देने वाले अपने लोगों को नियंत्रित करें" और "मराठों के रास्ते में न आएं".

हालांकि, जारांगे-पाटिल ने सभी मराठों को आरक्षण मिलने तक अपनी भूख हड़ताल खत्म करने से इनकार कर दिया और कहा कि सरकार को बिना किसी भेदभाव के सभी मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देना चाहिए.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति की तत्काल बैठक आयोजित की और कई फैसले लिए. उन्होंने घोषणा की कि सरकार आजादी से पहले निजाम युग के दौरान कुनबी उप-जाति के हिस्से के रूप में दर्ज लोगों के वंशजों को प्रमाण पत्र जारी करेगी ताकि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत कोटा मिल सके.

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