काले धन, भ्रष्टाचार, नकली नोट और आतंकवाद से निपटने के लिए 2016 में पीएम मोदी के 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा को उनके समर्थक 'मास्टर स्ट्रोक' कहने लगे.
हालांकि इस स्ट्रोक ने काले धन से ज्यादा नौकरियों पर वार किया, लेकिन क्या सरकार काले धन को सिस्टम में से निकाल के फेंकने में सक्षम रही ? क्या कोई ऐसी आर्थिक प्रगति हुई है जिसे नोटबंदी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?
इन सवालों के जवाब के लिए, हमने NDTV के पूर्व मैनेजिंग एडिटर, औनिंद्यो चक्रवर्ती से बात की. हमने पत्रकार, ब्रजेश दुबे से भी बात की, जिन्होंने घोषणा से पंद्रह दिन पहले ही विमुद्रीकरण की खबर ब्रेक की थी.
आखिर उन्होंने ये कैसे किया? इसके लिए सुनिए नोटबंदी पर ये खास पॉडकास्ट.
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