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क्या केजरीवाल की AAP राष्ट्रीय राजनीति में धमक पैदा करेगी?

क्या आम आदमी पार्टी की जीत के मायने सिर्फ दिल्ली तक सीमित हैं

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आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में धमाकेदार जीत दर्ज की और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी को फिर करारी मात देने में कामयाब रही. जैसे ही आम आदमी पार्टी ने ये कारनामा किया तो पार्टी दफ्तर के बाहर एक पोस्टर लग गया, जिस पर हाथ जोड़े हुए अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के साथ लिखा था राष्ट्र निर्माण के लिए आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ें.

ये साफ संकेत है कि पार्टी दिल्ली चुनाव जीतने के बाद अब दूसरे राज्यों में भी मजबूती के साथ पैर जमाने की कोशिश करेगी. लेकिन ये नया नहीं होगा, पहले भी आम आदमी पार्टी ऐसी कोशिश कर चुकी है, जिसमें वो नाकाम रही. लेकिन इस बार क्या आम आदमी पार्टी नए तरीके से कुछ अलग कर पाएगी?

कहने को तो दिल्ली का चुनाव त्रिकोणीय था लेकिन असली मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी में माना जा रहा था. एक तरफ था आम आदमी पार्टी का गुड गवर्नेंस बिजली, पानी, स्कूल तो दूसरी तरफ बीजेपी ध्रुवीकरण का खुला खेल रही थी. बीजेपी की भारी भरकम इलेक्शन मशीनरी को एक छोटे से राज्य की पार्टी ने करारी पटखनी दे दी. आम आदमी पार्टी को 70 में 62 सीटें मिलीं. लेकिन क्या आम आदमी पार्टी की जीत के मायने सिर्फ दिल्ली तक सीमित हैं. क्या वो दूसरे राज्यों में अपनी पार्टी की पैठ बढ़ा सकते हैं?

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