भारतीय संसद ने पिछले साल 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को रद्द कर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था. इसके बाद कश्मीर में इंटरनेट भी सस्पेंड कर दिया गया था. ऐसे में जहां पूरा देश लॉकडाउन शब्द कोरोना वायरस की वजह से सुन रहा है, कश्मीर ने इसे काफी पहले ही सुन-देख-महसूस कर लिया था. आर्टिकल-370 के हटाए जाने के बाद और इंटरनेट पर पाबंदी के बाद कश्मीरियों की जिंदगी में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिले हैं. हर वर्ग और हर उम्र के लोगों की अपनी दिक्कतें हैं जिसे वो साझा करते आए हैं.
5 अगस्त को एक सालप पूरे हो रहे हैं इससे पहले हमने कश्मीर के छात्रों, टूरिज्म से जुड़े लोगों, ऑनलाइन बिजनेस करने वालों लोगों, मीडिया प्रोफेशनल्स और कई दूसरे लोगों से बात की और उनके अनुभव को जानना चाहा. ऐसे में आज के पॉडकास्ट में सुनिए कश्मीरियों की कहानी, उन्हीं की जुबानी.
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