2 दिसंबर की रात 1984 में, भोपाल में एक पेस्टीसाइड बनाने की फैक्ट्री, यूनियन कार्बाइड से एक जहरीली गैस का बादल शहर के ऊपर छा जाता है. और देखते ही देखते लोग उस का शिकार होने लगे. लेकिन वो क्या वजह हैं कि ये हादसा तीन दशक के बाद तक भी एक ऐसे बुरे सपने की तरह बन चुका है जो टूट के ही नहीं देता.
क्विंट हिंदी पर इस खास पॉडकास्ट में सुनिए भोपाल त्रासदी की दो सर्वाइवर महिलाओं को जो बता रही हैं कि उस रात उनके साथ क्या घटा, उन्होंने अपने परिवार में से किस किसको खोया, और अब इतने सालों के बाद भी उस हादसे का साया इनके जीवन पर अब भी बना हुआ है. पॉडकास्ट में भोपाल के कुछ एक्टिविस्ट को भी सुनिए जो बता रहे हैं कि आखिर किन वजहों से, उस हादसे से पीड़ित लोगों के परिवारों की मुश्किलें खत्म ही नहीं हो पा रही?
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