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पुलिस की ‘गहन जांच’ का नतीजाः तबरेज अंसारी को किसी ने नहीं मारा 

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में 17 जून को भीड़ का शिकार हुए थे तबरेज अंसारी 

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झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में 17 जून को तबरेज अंसारी पर भीड़ ने उस वक्त हमला किया, जब वह अपने एक रिश्तेदार के यहां से लौट रहा था. उसे चोरी के आरोप में एक खंभे से बांधकर कम से कम सात घंटे तक पीटा गया और फिर पुलिस के हवाले कर दिया गया.

इसके बाद गंभीर रूप से घायल अंसारी को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे 'फिट टू मूव' घोषित करके जेल भेजने की मंजूरी दे दी. अंसारी के सिर पर गंभीर चोटें आईं थीं. चार दिन बाद जब अंसारी की हालत और खराब हो गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.

तबरेज की मौत के बाद सीनियर अफसरों की एक टीम बनी, जिसने पाया कि तबरेज की मौत के लिए पुलिस और डॉक्टर भी जिम्मेदार हैं. क्योंकि पुलिस मौका-ए-वारदात पर देर से पहुंची. साथ ही डॉक्टरों ने तबरेज को तब भी फिट करार दे दिया, जब उसकी हालत खराब थी.

लेकिन अब जब पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है तो चौंकाने वाली बात सामने आई है. चार्जशीट में हत्या की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई है. इस बात पर तबरेज के परिवार और उनके वकील का कहना ये है कि जब तबरेज को भीड़ ने घंटों पीटा, तो अब पुलिस ये क्यों कह रही है कि हत्या का दोषी कोई नहीं है.

बिग स्टोरी पॉडकास्ट में सुनिए तबरेज अंसारी लिंचिंग से जुड़ी सभी बातें.

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