केंद्रीय बजट 2021 आ गया है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया. बजट पेश होने के बाद कॉरपोरेट दुनिया और शेयर बाजार ने तो इस बजट को सलामी दी है लेकिन दूसरी तरफ बजट में जो तेज निजीकरण करने की योजना तय की गई है उसकी कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं. बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर पर खासा फोकस दिया है. लेकिन इसके बदले में सरकार ने एग्री इंफ्रा सेस लगा दिया है, जिसके बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इसकी वजह से महंगाई बढ़ सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए ये साफ कर दिया कि, अबकी बार बजट में कोरोना महामारी से डैमेज हुई इकनॉमी को सुधारने की पूरी कोशिश की गई है. धीमी ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए कई तरीके से ईंधन देने का काम किया गया. खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार का बजट ऐसे वक्त में आ रहा है, जब देश की जीडीपी लगातार दो बार निगेटिव जोन में गई है.
वहीं पीएम मोदी ने कहा, "ये बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है." पहले आपको भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के बारे में बताते हैं, इसके बाद बताएंगे कि इसे सुधारने के लिए कैसे बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) पर जोर दिया जा रहा है. जिससे इकनॉमी के पहिए पटरी पर रफ्तार पकड़ सकें.
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