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CAA- एक साल बाद भी ताजा हैं घाव, नागरिकता के ‘असमंजस’ में लोग

आज बिग स्टोरी पॉडकास्ट में सुनिए CAA के एक साल पूरा होने पर क्विंट की खास कवरेज के बारे में.  

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रिपोर्ट और साउंड एडिटर: फबेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज


CAA कानून को पास हुए एक साल पूरा हो चुका है. इस कानून के तहत पाकिस्ताान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो प्रताड़ित होकर भारत में रह रहे हैं. लेकिन शर्त ये है कि वो मुस्लिम समुदाय के नहीं होने चाहिए. यानी मुस्लिमों को इस कानून के तहत नागरिकता नहीं मिलेगी. इसी बात को लेकर पिछले साल कई प्रदर्शन और हिंसक प्रदर्शन हुए. ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी कानून के तहत नागरिकता देने में धर्म को आधार बनाया गया हो.

एक साल बाद इस कानून को याद करने की वजह सिर्फ इतनी नहीं है. हम सीएए को याद इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इसी कानून की वजह से सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, सैकड़ों लोग बेघर हो गए, क्योंकि उनके घर दंगों में जला दिए गए. यानी प्रदर्शन ने कई घरों को बुरी तरह उजाड़कर रख दिया. सैकड़ों लोग इन प्रदर्शनों की वजह से जेल भी गए.

आज बिग स्टोरी पॉडकास्ट में CAA के एक साल पूरा होने पर क्विंट की ख़ास कवरेज आप को सुनाएंगे.

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