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दिल्ली हिंसा: नाउम्मीदी के दौर में उम्मीद जगाने वाली कहानियां

पूरे वाकये में आपने नरफत की खूब कहानियां सुनी होंगी लेकिन इसी हिंसा में कौमी एकता की भी तस्वीरें उभरकर आईं हैं

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पिछले कुछ दिन उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए खौफनाक रहे. सालों से जतन करके बसाई गई दुनिया एक झटके में उजड़ गई. तोड़-फोड़, आग, गोली, बम, पिस्तौल, लाशें, हमने तबाही की कई तस्वीरें आईं. धर्म के नशे में चूर लोग जान लेने से भी नहीं चूके.

पूरे वाकये में आपने नरफत की खूब कहानियां सुनी होंगी लेकिन इसी हिंसा में कौमी एकता की भी तस्वीरें उभरकर आईं हैं. इसलिए हमने तय किया है कि आपको कुछ ऐसी कहानियों से मिलवाया जाए जो इस नाउम्मीदी के दौर में भी उम्मीद की किरण जगाती हैं.

आपको जिंदादिली की कुछ और कहानियां बताते हैं. Times of India में छपी रिपोर्ट है. दिल्ली के ही अशोकनगर में जब हिंसा हुई, बड़ी मस्जिद में आग लगाई गई. जब भीड़ घरों और दुकानों को जला रही थी. तो 40 मुसलमानों को पड़ोस में रह रहे हिंदुओं ने घर में पनाह दी, उन्हें सुरक्षित रखा. कम्युनल ताकतों को हराने के लिए- यमुना विहार इलाके में रह रहे हिंदू-मुसलमानों ने कंधे से कंधा मिलाया. उपद्रवियों को खदेड़ा. और वो उपद्रवियों से निपटने की कमान अपने हाथ में लेते हुए दोनों समुदाय इलाके की सुरक्षा कर रहे हैं.

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