ADVERTISEMENTREMOVE AD

सड़कों पर उतरे किसानों को इंटरनेशनल सपोर्ट के मायने क्या हैं?

खेतों में काम करने वाला आज किसान दिल्ली की सड़कों पर है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

रिपोर्ट और साउंड एडिटर: फबेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज

खेतों में काम करने वाला आज किसान दिल्ली की सड़कों पर है. मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक हफ्ते से हजारों किसान दिल्ली के अंदर और बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. देश-विदेश से हो रही किरकिरी के बीच केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर को किसानों को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन बात नहीं बन पाई. केंद्र ने किसानों से कहा कि वो 3 दिसंबर को बिंदुवार तरीके से अपनी बात को लिखित तौर पर लाएं. जिस पर चर्चा होगी. साथ ही किसान नेताओं ने बैठक के बाद चेताया कि आंदोलन को और तेज किया जाएगा. किसान इस बार लंबे आंदोलन के मूड में हैं और उनका साफ कहना है कि वो 4 महीने तक दिल्ली में रह सकते हैं. जिसके बाद अब किसानों के गुस्से को शांत कर पाना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है.

आज पॉडकास्ट में इस आंदोलन को मिल रहे समर्थन की भी बात करेंगे जो ना सिर्फ नेशनल है, बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर मिल रहा है. इस का मतलब क्या है? और अंतराष्ट्रीय स्तर पर ये समर्थन भारत सरकार के लिए क्या सन्देश देता है, इसी पर आज तफ्सील से बात करेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×