ADVERTISEMENTREMOVE AD

हाथरस केस: इंसाफ दिलाने से ज्यादा प्रशासन को इज्जत बचाने की फिक्र

दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामलों की खबरें आती हैं पर आखिर में इंसाफ मिलता है कि नहीं, ये कभी पता नहीं चल पाता.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

रिपोर्ट: फ़बेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज

देश ने निर्भया गैंगरेप मामले में हाल ही में करीब 8 साल बाद दोषियों को फांसी पर लटकते देखा और खुशी मनाई, लेकिन आज भी कई निर्भया ऐसी हैं, जिनकी आवाज पहले तो समाज तक पहुंचती नहीं है, लेकिन अगर किसी तरह मामला सामने आ भी गया तो सत्ता में बैठे लोग उसे दबाने की हर मुमकिन कोशिश में जुट जाते हैं. यूपी के हाथरस में भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिल रहा है. जहां एक 20 साल की लड़की के साथ खेतों में ले जाकर दरिंदगी हुई और उसे बुरी तरह से पीटा गया, जिसके बाद 15 दिनों तक पीड़िता दर्द में कराहती रही और आखिरकार उसने इस दुनिया को छोड़ दिया. लेकिन इस पूरे मामले ने लचर कानून व्यवस्था के आगे लगे पर्दे को गिरा दिया.

14 सितंबर को जिस दिन लड़की के साथ दरिंदगी हुई, उस दिन से लेकर अब तक इस पूरे मामले से एक बार फिर यूपी में कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर बहस छिड़ चुकी है. आज के पॉडकास्ट में इसी मुद्दे पर करेंगे बात.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×