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पॉडकास्ट | JNU केस में  पुलिस के दावे और उठते सवाल

जेएनयू में हिंसा की वारदात को 5 दिन बीत गए हैं लेकिन दिल्ली पुलिस ने अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं की है

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जेएनयू में हिंसा की वारदात को 5 दिन बीत गए हैं लेकिन दिल्ली पुलिस ने अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं की है. 5 दिन के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और बताया है कि इन्वेस्टिगेशन कहां तक पहुंची है और पुलिस को क्या-क्या लीड मिली हैं. दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के छात्रों पर घटना की जिम्मेदारी डाल दी. पुलिस का कहना है कि जेएनयू छात्र संघ और उससे जुड़े अन्य संगठन के कई छात्रों की पहचान की गई है. वहीं पुलिस ने ये भी इशारा दिया है कि बाहर से लोग अंदर नहींं आए थे. लेकिन पुलिस की पूरी थ्योरी पर कई सवाल उठते हैं.

पुलिस ने बताया है कि कुछ छात्र संगठनों ने जेएनयू में रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए तोड़फोड़ की. सर्वर को बंद कर दिया गया. जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का झगड़ा बाकी संगठनों के साथ था. जेएनयू के सुरक्षाकर्मियों ने बीच बचाव किया, लेकिन उनके साथ भी मारपीट हुई.

3 बजकर 45 मिनट पर इन स्टूडेंट्स संगठन के लोगों ने पेरयार हॉस्टल पर अटैक किया. ये हमला वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर किया गया. पुलिस को जांच के लिए कोई भी सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला. दिल्ली पुलिस ने कुल हिंसा में शामिल 9 लोगों की पहचान कर ली है. ये हैं पंकज मिश्रा, आयशी घोष वहीं आइशी जिनके खुद के सिर पर  चोट आई थई. सुचेता तालुकदार, डेलन सामंत, वास्कर विजय, चुनचुन कुमार, विकास पटेल, प्रिया रंजन, योगेंद्र भारद्वाज.

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