इतना तो ज़िंदगी में किसी का ख़लल पड़े
हंसने से हो सुकून ना रोने से कल पड़े
जिस तरह हंस रहा हूं मैं पी-पी के अश्क के ग़म
कोई दूसरा हंसे तो कलेजा निकल पड़े
वैसे तो हर कोई कैफ़ी आज़मी को जानता है, लेकिन फिर भी अगर आप कैफी से वाकिफ नहीं हैं, तो बता दें कि जब-जब लोग न्याय की बात करते हैं, अमीर-गरीब या औरत-मर्द के बीच की बराबरी के बारे में बात करते हैं, जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने की बात करते हैं, इंकलाब की बात करते हैं, तो वो दरअसल कैफी जैसे शायरों की तरफ इशारा कर रहे होते हैं.
अपने कामों के लिए कैफ़ी आज़मी को कई सम्मान से नवाजा गया, जिनमें से 3 फिल्मफेयर अवॉर्ड, साहित्य और शिक्षा के लिए पद्म श्री अवॉर्ड और साहित्य अकादमी फैलोशिप जैसे पुरस्कारों शामिल हैं.
उनकी पुण्यतिथि पर उर्दूनामा में सुनिए 20वीं सदी के इस दिग्गज शायर के बारे में.
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