दुनिया के दो कट्टर दुश्मन देश भारत और पाकिस्तान के बीच का कई सालों से न खुलने वाला दरवाजा अब खुलने जा रहा है. करतारपुर कॉरिडोर गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर खुलने जा रहा है. दोनों मुल्कों के बीच जारी तल्ख रिश्तों और तनातनी के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही सिख श्रद्धालुओं का भारत से पाकिस्तान जाकर श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने का सपना भी साकार हो जाएगा.
पिछले 1 साल से करतारपुर कॉरिडोर पर तैयारियां चल रही थीं और अब ये खुलने के लिए पूरी तरह तैयार है. वैसे बात यहां तक पहुंचने तक कई स्पीड ब्रेकर भी आए. मसलन पाकिस्तान ने सर्विस फीस के तौर पर हर तीर्थयात्री से 20 डॉलर वसूलने का फैसला किया है.
भारत की ओर से जो पहला जत्था करतारपुर गलियारे से जाने वाला है, उसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और अलग-अलग दलों और तबकों के सिख प्रतिनिधि शामिल होंगे. सिख समुदाय की सबसे बड़ी आबादी भारत में रहती है. इसके अलावा भी दुनियाभर में मौजूद सिख धर्म के मानने वालों का भारत से एक खास रिश्ता है. सरकार उन्हें ये दिखाना चाहती है कि वो अपने इस अहम अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं का पूरा सम्मान करती है
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)