महाराष्ट्र पॉलिटिक्स में 1 महीने से ऊपर चली टेस्ट सीरीज में अगर मैन ऑफ द सीरीज किसी को चुना जा सबसे मौजू नाम होगा, शरद पवार. पहले जल्दबाजी में बीजेपी ने रातों-रात सरकार बनवाई. फिर तीन दिन के अंदर ही इस्तीफा देना पड़ा. सरकार बनवाने और गिराने में एक्सपर्ट बीजेपी को पहली बार इतनी करारी मात मिली है. कहा जा रहा है कि इस सब के पीछे शरद पवार का दिमाग काम कर रहा है. क्या वाकई में महाराष्ट्र में शरद पवार के कद के सामने अभी भी सब बौने हैं?
पवार को आज की राजनीति का सबसे बड़ा पावर ब्रोकर कहा जाए तो अजीब नहीं होगा. उन्होंने 1999 में कांग्रेस का दामन छोड़कर अपनी नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी बनाई थी. लेकिन 2004 में बनी यूपीए सरकार में ना सिर्फ वो शामिल हुए बल्कि 10 साल तक अहम भूमिका में रहे.
कहा ये भी जाता रहा है कि जहां पावर, वहीं पवार, लेकिन बात बीजेपी के खिलाफ लामबंदी की हो तो उनका रोल अहम हो जाता है. आज की तारीख में पवार सबसे अनुभवी राजनेताओं में से एक हैं. उन्होंने 2012 में लोकसभा चुनाव ना लड़ने की घोषणा कर दी थी. यानी वो खुद को किंगमेकर की भूमिका में ही रखना चाहते हैं. ऐसे में विपक्षी पार्टियों को एक पेज पर लाने के लिए वो सबसे माकूल शख्स बन जा
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