जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पिछले करीब 6 महीनों से नजरबंद हैं. इन नेताओं की इतने महीने की नजरबंदी के बाद अब सरकार ने उन्हें PSA यानी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया है. इनके डोसियर में PSA लगाने की वजह भी बताई गई है. बताया गया है कि 'भड़काऊ बयान' और 'रेडिकल आइडियोलॉजी' के चलते उन पर इसके तहत मामला दर्ज किया गया.
उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चैलेंज किया है. सारा ने सोमवार 10 फरवरी को उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा कि वो पहले ही पिछले 6 महीने से नजरबंद हैं और उनको इस कानून के तहत नजरबंद करने का कोई सही आधार नहीं है. इसकी सुनवाई आज होनी थी लकिन अब 14 फरवरी तक टल गई है.
अब सवाल ये उठ रहा है कि जब पिछले 6 महीने से अब्दुल्ला और मुफ्ती दोनों ही नजरबंद हैं और उन्होंने ऐसा कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया तो ये PSA किस आधार पर लगाया गया है?
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