निर्भया गैंगरेप केस के सभी दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया. सात साल की लंबी कानूनी जंग के बाद सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालत की ओर से दोषियों की सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया गया. यानी कोई लीगल ऑप्शन नहीं बचा तो दोषियों को बचाने का तो 5 मार्च को अदालत ने निर्भया के गुनहगारों को 20 मार्च को फांसी देने का फैसला सुनाया था.
लेकिन फांसी होने के कुछ घंटे पहले तक भी दोषियों की फांसी टालने की कोशिशें बराबर होती रहीं. फांसी के आखरी पलों में अदालतों में क्या हुआ ? यही सब आपको बताएंगे आज के पॉडकास्ट में.
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