अमृतसर में 19 अक्टूबर 2018 यानी पिछले साल दशहरा मेले के दौरान जब रावण दहन हो रहा था, तो जलंधर से अमृतसर जाने वाली डीएमयू ट्रेन रावण दहन देख रही भीड़ के ऊपर से गुजर गई. रेल की पटरी पर खड़े 62 लोगों की ट्रेन से कट कर मौत हो गई थी. इस भयानक हादसे को एक साल पूरा हो चुका है. लेकिन वहां के लोग अब भी इस वारदात को याद करके हिल जाते हैं.
1 साल बाद भी अब तक इस हादसे की जवाबदेही तय नहीं की गई है और किसी को भी गुनहगार को सजा नहीं मिल सकी है.
हादसे को लेकर कई तरह के सवाल उठे. जो गार्ड्स वहां मौजूद थे उन्होंने लोगों को ट्रेन आने को लेकर अलर्ट क्यों नहीं किया? हादसे को लेकर कौन जिम्मेदार है? मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इंक्वायरी का आदेश दिया था और पिछले साल नवंबर में 300 पेज की रिपोर्ट पंजाब के होम सेक्रेटरी को सबमिट की गई. लेकिन वो रिपोर्ट अब तक जारी नहीं की गई. मतलब किसी को नहीं पता कि गलती किसकी थी.
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