नूरजहां का जन्म 21 सितंबर 1926 को पंजाब के कसूर शहर में हुआ था. नूरजहां ने पार्टिशन से पहले बॉम्बे में कई फिल्में की, उन फिल्मों को शुरुआती दौर में काफी अहम माना जाता था. उन फिल्मों से मतलब है लेट 1930 और 1940 की फिल्में. ये वो दौर था, जब 1391 में पहली फिल्म आलम आरा रिलीज हुई थी. उससे पहले फिल्मों में साउंड नहीं होता था.
एक पर्दे पर फिल्म चलती थी और सीन के हिसाब से सिनेमा हॉल में पर्दे के साइड में एक लाइव ऑकेस्ट्रा हुआ करता था, जो लाइव म्यूजिक प्ले करता था.
नूरजहां ने भी ऐसी ही फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट गाना गाया था. लेकिन पार्टिशन के बाद पाकिस्तान में जब नए सिरे से फिल्म इंडस्ट्री बननी शुरू हुई तो नूरजहां उसकी तामीर में आगे से आगे रहीं.
आज मैं उस दौर के बारे में बात करूंगी, जिसके बारे में आपने दादा-दादी या नाना और नानी से सुना होगा. इस पॉडकास्ट में मेरे साथ राइटर यतिंद्र मिश्रा भी हैं, जो मल्लिका-ए-तरन्नुम यानी क्वीन ऑफ मेलोडी नूरजहां का रिश्ता, उनकी दोस्ती लता मंगेशकर के साथ कैसी थी, उसके बारे में बताएंगें.
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