ADVERTISEMENTREMOVE AD

उर्दूनामा| क्या होता है आवाज का होना और आवाज को बुलंद करने के मायने

यहां सुनिए जोश मलीहाबादी, फैज अहमद फैज और साहिर लुधियानवी की शानदार नज्में

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

उर्दूनामा के इस एपिसोड में, हम उर्दू शायरी के हवाले से समझेंगे कि 'आवाज' होने का मतलब क्या है. और शायरी के जरिए आवाज का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किस तरह किया जाता है जिनके पास 'आवाज' या तो यह नहीं है या अक्सर खामोश कर दी जाती है.

'आवाज उठाने' के विषय को समझने के लिए ​​शायर-ए-इंकलाब, जोश मलीहाबादी की नज़्म, 'ईस्ट इंडिया कम्पनी के फ़र्ज़ंदों से खिताब' (टू द सन्स ऑफ ईस्ट इंडिया) पढ़ने से बेहतर तरीका और क्या हो सकता है. पॉडकास्ट में जोश के अलावा सुनिए फैज़ अहमद फैज़, साहिर लुधियानवी, मजरूह सुल्तानपुरी, की यादगार नज्में.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×