कला फिल्म के लिए वरुण ग्रोवर का लिखा गाना 'शौक' (Shauq) इन दिनों हमें मंत्रमुग्ध कर रहा है. क्योंकि यह हमारी जिंदगी में 'शौक', यानी इच्छाओं और जुनून की जरूरतों की तरफ इशारा करता है. हालांकि यह एक सवाल भी खड़ा करता है - क्या हमारी इच्छाएं हमें मार रही हैं या हमारा निर्माण कर रही हैं?
उर्दूनामा (Urdunama) के इस एपिसोड में, फ़बेहा सैयद ने परवीन शाकिर, फैज और साहिर जैसे कवियों और उनकी रचनाओं को जिक्र किया है, जो हमें यह पता लगाने में मदद करते हैं कि जीवन में हमारा 'शौक' क्या हो सकता है.
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