यह साल का वह वक्त है जब हर कोई अपने परिवार के साथ साल के आखिर में छुट्टियां लेकर या उनसे मिलने के लिए नई शुरुआत करता है. लेकिन एक सफर का मतलब सफर और छुट्टियों के अलावा भी बहुत कुछ होता है. बिन बुलाए लोगों के लिए, इसका मतलब अपने अक्स में झांकना और खुद की गहराईयों में उतरना भी है.
सुनिए फाबेहा सय्यद के इस पॉडकास्ट को जिसमें फ़बेहा जावेद अख्तर, जिगर मुरादाबादी, निदा फ़ाज़ली, और अहमद फ़राज़ जैसे शायरों को खुद की तलाश, सीखने और हिकमत (ज्ञान) पर उनके तरानों और कामों को पड़ती हैं.
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