भारत को अब कुल मिलाकर पांच राफेल विमान मिल चुके हैं. जिसमें तीन फाइटर और दो ट्रेनर विमान शामिल हैं. अब जैसे-जैसे भारत को इन खतरनाक राफेल विमानों की डिलीवरी होगी, वैसे-वैसे भारतीय एयरफोर्स की ताकत और क्षमता में भी इजाफा होता जाएगा. इन विमानों के आने से मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को खरीदने की हमारी दशकों पुरानी प्रक्रिया भी कुछ हद तक एक अंजाम तक पहुंच गई है.
मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट खरीदने की जो प्रक्रिया 1990 के आखिरी में शुरू हुई वो कुछ हद तक अब अंजाम तक पहुंच गई है. राफेल के वायु सेना में शामिल होने से हमारी स्थिति रक्षात्मक और प्रतिक्रियात्मक से बदलकर दुश्मन के दुस्साहस को रोकने वाली हो जाएगी.
आपको बताते हैं कि राफेल में ऐसी क्या खासियत है जो इसे हर जंग का ऑलराउंडर माना जा रहा है. राफेल की तुलना में पाकिस्तान का F-16 और चीन का चेंग्दू J-20 कहां ठहरते हैं. इन तीनों एयरक्राफ्ट में कौन किससे बेहतर है. सितंबर 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस की सरकार के साथ 36 राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट की डील पर हस्ताक्षर किए थे. करार के तहत हमें राफेल के साथ-साथ SCALP, Meteor और Mica जैसी खतरनाक मिसाइलें भी मिलेंगी, जो इस डील को खास बनाती हैं. दसा एविएशन का राफेल, 4.5 जेनेरेशन का दो इंजन, कनार्ड डेल्टा विंग, मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट है.
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