शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा. दोनों को बहुमत लायक नंबर भी मिल गए लेकिन शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ गई. बीजेपी नहीं मानी और आखिर में राज्यपाल को कह दिया कि वो सरकार नहीं बना सकती. अब बात चली कि क्या शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकती है?
राज्यपाल ने 11 नवंबर की शाम 7.20 बजे का समय शिवसेना को दिया था लेकिन कांग्रेस इस समय तक उसे समर्थन का फैसला नहीं कर पाई. तो फिलहाल मामला यहीं अटका है कि चुनाव पूर्व विरोधियों के समर्थन से शिवसेना सरकार बना पाएगी या नहीं? एक सवाल ये भी ये है कि जब सरकार बनाने से पहले इतनी मुश्किलें हैं तो सरकार बन भी जाए तो कितनी दिक्कतें होंगी? यही सवाल हमने पूछे क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से आज के बिग स्टोरी पॉडकास्ट में.
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