1. समाजवादी पार्टी-आरएलडी गठबंधन नहीं
आरएलडी ने यूपी चुनाव में अकेले उतरने का ऐलान कर दिया है. आरएलडी गठबंधन में 40 सीटें मांग रही थी जिस पर बात नहीं बन पाई. कहा जा रहा है कि 25 सीटों पर समझौता हो सकता था. लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इस पर भी राजी नहीं हुए. आरएलडी अब अकेले चुनाव लड़ेगी. आरएलडी का पश्चिमी यूपी में कुछ सीटों पर अच्छा प्रभाव माना जाता है.
2. नए गठबंधन प्लान के तहत सपा 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
यूपी में महागठबंधन नाकाम होने पर एसपी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतर रही है. एसपी नेता किरणमय नंदा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की पुष्टि करते हुए कहा कि सीटों को लेकर औपचारिक ऐलान जल्द ही किया जाएगाइन दोनों दलों के अलावा कुछ छोटी पार्टियां भी गठबंधन का हिस्सा होंगी. नए गठबंधन प्लान के तहत सपा 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, बाकी के 103 सीटों पर कांग्रेस और दूसरे सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे.
3. बीजेपी की सहयोगी पार्टियां चाह रही ज्यादा सीटें
बीजेपी की दूसरी चुनावी लिस्ट अटक गई है. अभी तक उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किए जा सके हैं. इसके पीझे वजह बताई जा रही है कि बीजेपी की सहयोगी पार्टियां केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल और ओम प्रकाश राजभर की भारतीय समाजवादी पार्टी के साथ कई बैठकों के बाद भी सीटों पर बात नहीं बन पाई है. कहा जा रहा है कि सीटों पर सहमति नहीं बन पा रही है क्योंकि कई ऐसे पुराने नेता हैं जो अपने बच्चों के लिए टिकट चाह रहे हैं.
4. टिकट बंटवारे को लेकर खुश नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य
टिकट बंटवारे को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी से नाराजगी जताई है. बुधवार को मौर्य ने कहा कि वह उम्मीदवारों के लिस्ट जारी किए जाने के बाद पार्टी के साथ बने रहने पर विचार करेंगे. चुनावी साल को देखें तो अब तक बसपा से 15 एमएलए, पांच कांग्रेस, सपा से 3 और राष्ट्रीय लोकदल के 2 सदस्य बीजेपी के साथ आ गए.
5. बाहुबली अतीक अहमद के बदले तेवर. अखिलेश के लिए दिखाई नरमी
हत्या सहित कई संगीन मामलों में आरोपी मुलायम खेमे से यूपी के बाहुबली अतीक अहमद के तेवर बदले दिख रहे हैं. इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में अतीक ने कहा कि वह जल्द सीएम से मिलकर कानुपर के सपा प्रत्याशी के तौर पर अपना नाम वापस ले लेंगे. हत्या सहित कई संगीन मामलों में आरोपी अतीक को शिवपाल खेमे ने कानपुर से टिकट दिया था, जबकि अखिलेश इसके सख्त खिलाफ थे.
अतीक ने कहा है कि-'मेरे लिए विधानसभा में जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, प्रदेश में एक सेक्युलर सरकार का बनना. मेरा लक्ष्य है कि अखिलेश की छवि पर कोई दाग नहीं लगना चाहिए. कोई रास्ता निकालने के लिए मैं उनसे मिलूंगा.’
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